बजाज कंपनी के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज (Rahul Bajaj) का निधन शनिवार को पुणे में हो गया है, वे 83वर्ष के थे। राहुल हमेशा अपनी राय खुलकर सबके सामने रखते थे। राहुल बजाज (Rahul Bajaj) ने आम आदमी के लिए देशभर में “चेतक” और “सुपर” जैसे स्कूटरों का निर्माण किया, जो कम समय में ही बेहद मशहूर हो गया, चेतक स्कूटर खरीदना मानो जैसे हर आम आदमी का सपना बन गया था।बजाज का मशहूर विज्ञापन “हमारा बजाज” सबकी ज़ुबान पर चढ़ चुका था। राहुल बजाज भारत के सबसे सफल उद्योदपतियों में से एक थे।
राहुल बजाज ( Rahul Bajaj ) की जीवनी ।
राहुल बजाज (Rahul Bajaj) का जन्म 10जून,1938 को बंगाल प्रेसीडेंसी में हुआ था। बजाज कंपनी की नीव राहुल के दादा जमनलाल बजाज ने रखी थी। राहुल बजाज ने कैथेड्रल एंड जॉन कानून विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और आगे अर्थशास्त्र की डिग्री प्राप्त करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अपनी अर्थशास्त्र ऑनर्स की शिक्षा पूरी की। फिर वह बंबई आ गए और वहां से उन्होंने कानून की शिक्षा प्राप्त की ओर हावर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया।
राहुल बजाज (Rahul Bajaj) ने सन 1965 में बजाज कंपनी कोई बागडोर संभाल ली। राहुल ने लाइसेंस राज का खुलकर विरोध किया था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर इसके लिए मुझे जेल भी जाना पड़ा तो मैं चला जाऊंगा, कोई परवाह नहीं करूंगा। उसी समय यानी सन 1980 के दशक में बजाज कंपनी ने अपना दो पहिया वाहन “चेतक” ब्रांड का स्कूटर लॉन्च किया, जिसकी मांग इतनी बढ़ गई थी कि इसके लिए अगले 10साल तक की बुकिंग्स वेटिंग में चल रही थी।
आर्थिक क्षेत्र और उद्योग जगत में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा (2006-2010) के लिए चुना गया। राहुल बजाज को आईआईटी रुड़की सहित 7विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई थी।
राहुल को मिले कईं पुरस्कार।
व्यापार और आर्थिक क्षेत्रों में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया –
-सन 2001 में भारत सरकार द्वारा “पद्म भूषण” से सम्मानित किया गया।
-हावर्ड बिजनेस स्कूल द्वारा “एलुमिनी अचीवमेंट” पुरस्कार प्राप्त हुआ।
-नवभारत टाइम्स अन्सर्ट एंड यंग और CNBC TV 18 द्वारा उन्हें “लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड” से नवाज़ा गया ।
– साल 1975 में उन्हें राष्ट्रीय गुणवत्ता एश्योरेंस संस्थान द्वारा “मैन ऑफ द ईयर” के पुरस्कार से नवाज़ा गया।
– FIE फाउंडेशन ने उन्हें साल 1996 में “राष्ट्र भूषण सम्मान” से सम्मानित किया।
राहुल ने की थी लव मैरिज।
साल 2016 में एक इंटरव्यू के दौरान राहुल बजाज (Rahul Bajaj) ने कहा था कि 1961 में जब रूपा और मेरी शादी हुई तो भारत के पूरे मारवाड़ी-राजस्थान उद्योदपति घराने में वो पहली लव मैरिज थी। रूपा महाराष्ट्र की ब्राह्मण थीं, उनके पिता सिविल सर्वेंट थे और हमारा व्यापारी परिवार था। ऐसे में दोनों परिवारों में तालमेल बैठाना थोड़ा मुश्किल था। मैं रूपा का बहुत सम्मान करता हूं, क्योंकि उनसे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। उनकी पत्नी का निधन 2013 में हो गया था।
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लेखक : कशिश श्रीवास्तव