अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) नें आजमगढ़ में बड़ा दांव खेल दिया है, समाजवादी पार्टी (SP) नें 4 बार सांसद और चार बार विधायक रहे रमाकांत यादव [Ramakant Yadav] को फूलपुर पवई सीट से उम्मीद बना दिया है। खास बात यह है कि रमाकांत यादव [Ramakant Yadav] के बेटे अरुण कांत (Arun Kant Yadav) यादव यहां से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक है, और उनका फिर इसी सीट से चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है। ऐसे में अगर यहां से अरुण कांत (Arun Kant Yadav) विधायक को भारतीय जनता पार्टी (BJP) टिकट देती है, तो यहा पर सीधा मुकाबला बाप बेटे में हो जायेगा। ऐसा कहा जा रहा था कि समाजवादी पार्टी (SP) रमाकांत यादव (Ramakant Yadav) को जौनपुर जिले की मल्हनी सीट से मैदान में उतारेगी ताकि धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) को कड़ी टक्कर दी जा सके लेकिन पार्टी ने सभी को चौंका ते हुए रमाकांत यादव (Ramakant Yadav) को फूलपुर पवई सीट से प्रत्याशी बना दिया। रमाकांत यादव को टिकट देकर समाजवादी पार्टी (SP) नें बड़ा दांव खेल दिया है, बाहुबली रमाकांत यादव की गिनती पूर्वांचल के दमदार नेताओं में होती है। रमाकांत यादव फूलपुर विधानसभा क्षेत्र चार बार विधायक और आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र से चार बार सांसद रह चुके हैं।
![UP election 2022: विधायक बेटा के सामने Akhilesh Yadav नें बाहुबली पिता को दिया टिकट? UP election 2022: विधायक बेटा के सामने Akhilesh Yadav नें बाहुबली पिता को दिया टिकट?](https://ptnews24.com/wp-content/uploads/2022/01/20220129_200035.jpg)
बाप बेटे की जंग में किसकी होगी जीत
अखिलेश यादव के इस फैसले के बाद यहा समाजवादी पार्टी (SP) में अंतर कलय भी बढ़ सकती है। और इसकी वजह है पूर्व विधायक श्याम बहादुर यादव (Shyam Bahadur Yadav) श्याम बहादुर और रमाकांत यादव के बीच 36 कहां-कहां माना जाता है। श्याम बहादुर यादव भी टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन समाजवादी पार्टी (SP) ने टिकट रमाकांत यादव (Ramakant Yadav) को दे दिया। ऐसे में यहा समाजवादी पार्टी (SP) में ही दो पक्ष होने का डर है, 2019 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) से टिकट ना मिलने की वजह से रमाकांत यादव ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। और भदोही से लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन भदोही से सिर्फ 26 हजार वोट मिले थे और चुनाव हार गए थे। सबसे ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि रमाकांत यादव (Ramakant Yadav) के बेटे विधायक अरुण कांत (Arun Kant Yadav) भारतीय जनता पार्टी (BJP) सीट से ताल ठोकने के लिए तैयार है, अरुण कांत यादव हाल ही में कह चुके हैं, पिता लड़े या फिर कोई लेकिन वह चुनाव जरूर लड़ेंगे। ऐसे में लड़ाई दिलचस्प होने की संभावना है, और यहां पर बाप बेटे की सीधी सियासी जंग देखने को मिल सकती है।