माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन बसंत पंचमी (Basant Panchami) का त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 5 फरवरी को आई है। हिंदू धर्म में बसंत पंचमी (Basant Panchami) का विशेष महत्व है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की अराधना की जाती है।
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Basant Panchami पर्व का महत्व क्या है?
प्राचीनकाल से इस दिवस को ज्ञान और कला की देवी सरस्वती का जन्मदिवस माना जाता है। वसंत ऋतु आते ही प्रकृति हो, मानव हो या पशु – पक्षी सब ही हर्षों – उल्लास से भर जाते हैं। जिस प्रकार दीपावली के दिन धन-समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी, नवरात्रि के दिन शक्ति और वीरता के लिए मां दुर्गा की पूजा की जाती है, उसी तरह बसंत पंचमी के दिन ज्ञान प्राप्ति के लिए मां सरस्वती की पूजा की जाती है।
इस दिन देवी सरस्वती की पूजा सफेद कपड़ों और फूलों से सजाकर की जाती है, क्योंकि सफेद रंग को देवी सरस्वती का पसंदीदा रंग माना जाता है। दूध से और सफेद तिल से बनी मिठाइयां देवी सरस्वती को भोग के तौर पर चढ़ाई जाती है। दोस्तों और परिवार के बीच प्रसाद के तौर पर बांटा जाता है। इस दिन घरों में महिलाएं मां सरस्वती की पूजा पीले वस्त्र पहनकर करती हैं और किताबों पर स्तीये का चिन्ह बनाकर घर – परिवार में ज्ञान प्राप्ति के लिए देवी से अराधना करती हैं।
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स्कूलों में कैसे मनाते है Basant Panchami त्योहार?
देवी सरस्वती विद्या की देवी है और विद्यालय विद्या का मंदिर। इसलिए विद्यालयों में यह पर्व बड़ी ही हर्षों – उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन विद्यालयों में देवी सरस्वती की मूर्ति स्थापित कर पूजा की जाती है। इस दिन विशेष तौर पर विद्यालयों में कार्यक्रम मनाया जाता है जिसमें छात्र – छात्राएं सरस्वती वंदना कर के कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं और धूम -धाम से इस त्यौहार को मनाते है।
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लेखक – कशिश श्रीवास्तव