GST Council की 45 वी में बैठक आज लखनऊ में खत्म हो गई। आज GST Council में हुई अहम बैठक के बाद यह बात साफ हो गई कि अभी भी डीजल और पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जाएगा। लखनऊ में हुई आज इस बैठक के दौरान कई अन्य बातों पर लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी सहमति जताई है। इस बैठक के दौरान कई महंगे life-saving दवाओं को GST से मुक्त कर दिया गया, जबकि इनमें दो दबाएं काफी मांगी थी।
फ़ूड डिलीवरी पर नहीं लगेगा कोई अतिरिक्त टैक्स
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फ़ूड डिलीवरी एप से खाना मंगाने पर भी अतिरिक्त टैक्स लगाने की आशंका को आज खत्म कर दिया गया है। कैंसर संबंधी कई दवाओं पर GST को 12 से घटाकर 5 फ़ीसदी किया गया। दवाओं पर 31 दिसंबर 2021 तक छूट मिलती रहेगी। डीजल पेट्रोल के मामले पर हाईकोर्ट ने आदेश दिया था किस को जीएसटी के दायरे के अंदर लाने पर विचार किया जाए। इस मुद्दे पर वित्त मंत्री ने कहा इस बैठक (GST Council) में इस को लेकर चर्चा हुई लेकिन अभी डीजल और पेट्रोल को जीएसटी में शामिल नहीं किया जा सकता है।
GST Council की बैठक में हुआ फैसला दवाओं पर मिलती रहेगी छूट
वहीं दिल्ली के मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बैठक (GST Council) के दौरान हुए फैसले पर जानकारी देते हुए बताया कि राज्यों को जून 2022 के बाद भी मुआवजा देने पर आज फैसला नहीं हुआ है लेकिन इसके लिए एक अलग ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स द्वारा विचार किया जाएगा। अच्छी खबर यह है कि कोरोना के दवाओं पर 31 दिसंबर तक छूट मिलती रहेगी।
DIESEL – PETROL को GST में लाने को लेकर कई राज्यों ने किया था विरोध
इस बैठक (GST Council) को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करने वाली है। डीजल पेट्रोल को इससे पहले GST के दायरे में लाने के नाम पर कई राज्यों ने विरोध करना शुरू कर दिया था। इसमें कुछ राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल समेत राज्यों ने डीजल और पेट्रोल को GST के दायरे से बाहर ही रखने का को कहा था ऐसे में जब इन सभी राज्यों ने डीजल और पेट्रोल को GST के दायरे से बाहर रखने को कहा तो ऐसे में प्रस्ताव खारिज हो सकता है।
GST के दायरे में आने से सस्ता हो जायेगा DIESEL – PETROL
आपको बता दें अगर पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाया जाता है पेट्रोल करीब ₹28 जबकि डीजल ₹25 प्रति लीटर तक सस्ता हो जाएगा। देश के कई राज्यों में पेट्रोल 110 तो है डीजल ₹100 प्रति लीटर के पार पहुंच चुका है। लेकिन अगर GST के दायरे में इनको लाया जाएगा तो राज्यों के राजस्व में घाटा होने लगेगा और यही कारण है कि कई सारे राज्य इसका विरोध कर रहे हैं।
आज के इस बैठक में 7 राज्यों के उप – मुख्यमंत्री भी हुए थे शामिल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वित्त मंत्री से मिलने पहुंचे थे। आज के इस बैठक (GST Council) में 7 राज्यों के उपमुख्यमंत्री शामिल हुए हैं इनमें से अरुणाचल प्रदेश के चौना मेन, बिहार के उपमुख्यमंत्री राज किशोर प्रसाद, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, गुजरात के नितिन पटेल, हरियाणा के दुष्यंत चौटाला, मणिपुर के युमनाम जोए कुमार सिंह और त्रिपुरा के विष्णु देव वर्मा शामिल है। इसके अलावा कई राज्यों के वित्त मंत्री या मुख्यमंत्री की ओर से नामित मंत्रियों को शामिल किया गया है।
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