जिन्ना टावर(Jinnah Tower)
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जिन्ना टावर (Jinnah Tower) एक सीमा चिन्ह है, जो आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के गुंटूर(Guntur) जिले में स्थित है ,और यह जिला मसालों के लिए बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। जिन्ना टावर (Jinnah Tower) आंध्र प्रदेश में मौजूद कैसे हैं, यह इतिहास किसी को पता नहीं है। इसको लेकर एक सिद्धांत यह है कि आजादी से पहले जिन्ना के सलाहकार यहाँ पर आए थे और गुंटूर में फिर जिन्ना की मान सम्मान में यह टावर बनवाया था। जब देश का विभाजन हो गया और भारतीय उपमहाद्वीप दो हिस्सों में विभाजित हो गया । विभाजन करके उसके बाद से प्रश्न यही उठता आ रहा है कि मोहम्मद अली जिन्ना के मान सम्मान में यह टावर आंध्र प्रदेश में क्या कर रहा है।
![Jinnah Tower Controversy : भारतीय तिरंगे के रंग में रंगा आंध्र प्रदेश का जिन्ना टावर। Jinnah Tower](https://ptnews24.com/wp-content/uploads/2022/02/Jinnah-Tower-300x169.jpg)
क्या जिन्ना का गुंटूर से कोई सम्बन्ध है ?
लोगों का यह कहना है कि पहली बात तो आंध्र प्रदेश में पैदा नहीं हुए और गुंटूर में जिन्ना कभी आए और जिन्ना का गुंटूर से कोई संबंध भी नहीं है, ना ही वहां कभी भाषण दिया है। बिना किसी वजह के यह महात्मा गांधी सड़क पर खड़ा है। यहां पर लगातार इसका विरोध होता था। लोग कहते है , कि जिन्ना टावर (Jinnah Tower) क्यों और किस लिए यहां पर खड़ा है। यहां के समूह के लोगों ने यह मांग रखी कि या तो इस टावर पर तिरंगा लहराए जाना चाहिए या तो इस को ध्वस्त कर दिया जाए।
पाकिस्तान को इससे क्या आपत्ति है ?
जब टावर को ध्वस्त करने की बात आई तो 2017 में पाकिस्तान सरकार ने अधिकारिक रूप से यह कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण सीमा चिन्ह स्मारक है। पाकिस्तान सरकार भी मानती है कि जिन्ना टावर (Jinnah Tower) स्मारक बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान सरकार यह कहती है कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच का शांति और सद्भाव का प्रतीक है।
अजीब बात यह है कि पाकिस्तान में शांति और सद्भाव के नाम पर कोई प्रतीक पाकिस्तान के अंदर नहीं छोड़े हैं। जैसे गांधीजी के स्टैचू हटा दिए गए नेहरू या अन्य भारतीयों के स्टैचू हटा दिए या नाम बदल दिए गए और 2021-22 में पाकिस्तान में जो पाकिस्तान में घृणा का स्तर इस कदर बढ़ चुका है कि जो भी संयुक्त भारत का इतिहास बताता हो उसे वह तोड़ देते हैं। उदाहरण के रूप में एक खबर आई 2022 में हरी सिंह नलवा जो प्रसिद्ध सिख जनरल थे, उनका स्टेचू पाकिस्तान से हटा दिया गया। पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तान के लोगों के दबाव में आकर हरि सिंह नलवा का स्टेचू हटा दिया।
सबसे अजीब बात यह है चाहे महाराजा रंजीत सिंह हो या हरि सिंह दोनों ही संयुक्त भारत के आइकन है। जिन्होंने आधुनिक पाकिस्तान पर काफी समय तक राज किया था। कश्मीर और भारतीय पंजाब राज्य पर भी राज था। इसका बहुत गहरा इतिहास है, पर पाकिस्तान इन को मानता ही नहीं। भगत सिंह पैदा आज के आधुनिक पाकिस्तान में हुए थे और फांसी भी उनको पाकिस्तान में हुई थी। पर भगत सिंह को यह एक राष्ट्रीय हीरो नहीं मानते हैं। बस भारत ने जिन्ना टावर का कलर बदल दिया है। इसका नाम आज भी जिन्ना टावर है और आज भी खड़ा हुआ है। अगर पाकिस्तान में कोई गांधी टावर होता तो उसके बचने का मौके ना के बराबर ही होता।
यह विवाद काफी हद तक अब ठंडा हो चुका है जो लोग मांग कर रहे थे। इस पर तिरंगा लगाने की पर अब यह टावर (Jinnah Tower) पूरी तरीके से तिरंगे के रंग में लिपट चुका है। इस टावर की हिफाजत के लिए पूरी तरह से इसे सुरक्षा प्रदान है और बाड़ लगाकर घिरा हुआ है ताकि कोई भी कभी भी आकर इस टावर को नुकसान ना पहुंचा सके।
लेखक : आदर्श
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