जैसा कि हमने कल आपको बताया था कि राहुल गांधी विपक्षी दलों के नेताओं को कांस्टिट्यूशन क्लब में नाश्ते पर बुलाया है। राहुल गांधी की यह ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स खत्म हो गई है। राहुल गांधी की अगुवाई में इस नाश्ते के बैठक के दौरान कई मसलों पर चर्चा हुई।
कई दिन मानसून सत्र का चढ़ा है हंगामे की भेट
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आपको बता दें कि जब से संसद का मानसून सत्र आरंभ हुआ है तब से विपक्षी पार्टियां सरकार को पेगासस जासूसी मामले पर घेरने में लगी हुई है। हंगामे की वजह से सत्र का कई दिनों तक कामकाज बाधित ही रहा है। खबरों के मुताबिक राहुल गांधी के द्वारा बुलाए इस नाश्ते पर सभी विपक्षी नेताओं के साथ कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें डीजल पेट्रोल का मसला भी शामिल था।
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इस बैठक में कांग्रेसी सांसद राहुल गांधी ने कहा विपक्षी पार्टियां आपस में बहस कर सकती हैं। पेगासस पर भी चर्चा किया जाना चाहिए उसके बाद उन्होंने कहा कि हम संसद तक साइकिल से ही जाएंगे। राहुल गांधी द्वारा बुलाए नाश्ते पर इस बैठक में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में विपक्षी नेता शामिल हुए।
कौन से दल हुए शामिल ?
इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस शिवसेना समाजवादी पार्टी राजद समेत अन्य दलों ने शिरकत किया। इस बैठक में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि संसद के बच्चे मानसून सत्र में सरकार पर किस तरह हमला किया जाए उस पर मंथन हुआ होगा। इस बैठक में एनसीपी, सीपीआई, सीपीआईएम, आरएसपी, केसीएम, जेएमएमसी समेत अन्य कई दल शामिल थे।
इस बैठक में कांग्रेस के नेता मलिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार हमारी बातें नहीं सुनती है। अब हमें संसद से सड़क तक की लड़ाई लड़नी है। उन्होंने कहा जिस तरह से कोरोना पर चर्चा हुई हम वैसा ही चर्चा पेगासस मामले पर करना चाहते हैं। आपको बता दें कि इस बैठक में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर भी नजर डाला गया है।
नितीश कुमार का पेगासस मसले में NDA से विपरीत है विचार
जासूसी कांड के इस मसले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष के तरफ झुक रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए और सच्चाई देश के सामने आना चाहिए। नीतीश कुमार के इस बयान से सियासत में गर्माहट आने लगी है क्योंकि वह एनडीए सरकार का हिस्सा है और इस तरह से बयान करना एनडीए सरकार के खिलाफ दिख रहा है।