कुछ दिनों से बाबा रामदेव बुरे फसे हुए है। योग गुरु रामदेव और एलोपैथी के डॉक्टरों के बीच चल रहा विवाद अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर दिन दोनों तरफ से बयानबाजी हो रही है। हर रोज एक दूसरे को पात्र लिखा आज रहा है। एक दूसरे पर सवालों के तीर दागे जा रहे है। इस मामले पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने भी संज्ञान लिया और पात्र लिख कर रामदेव से जवाब से मांगा।
बताते चले ये वही स्वास्थ्य मंत्री है जो करोनिल के लॉन्चिंग के समय मंच साझा कर रहे थे। बीते 24 मई को एलोपैथी डॉक्टरों से 25 सवाल पूछे थे जिसकी फोटो उन्होंने अपने ट्विटर पर भी डाला था। इसके जवाब में डॉक्टरों नोटिस जारी किया और बोला की बाबा अपनी योग्यता बताये फिर हम जवाब देंगे। एसोसिएशन ने बाबा रामदेव पर आरोप लगते हुए कहा की बाबा रामदेव एलोपैथी का ए भी नहीं जानते है।
IMA ने बताया की हमने उनके द्वारा पूछे सभी 25 सवालों के जवाब हम देंगे लेकिन इससे पहले बाबा अपनी योग्यता बताये। एसोसिएशन ने आगे कहा की अगर 15 दिन के अंदर रामदेव माफ़ी नहीं मांगते तो हम उनके ऊपर एक हजार करोड़ का मानहानि का मुकदमा किया जाएगा।उत्तराखंड IMA के सचिव डॉक्टर अजय खन्ना ने बताया की हम रामदेव के साथ बैठ कर आमने – सामने सवाल – जवाब करने को तैयार है। बाबा की एलोपैथी से जुड़े रत्ती भर का ज्ञान नहीं और उसके बावजूद वो हमारे ऊपर बेतुकी बयानबाजी करते जा रहे है।
उनके इस तरह के बयान देने हमारे दिनन रात जी जान से काम करने वाले साथियों का मनोबल टुटा है। खन्ना ने आगे कहा की रामदेव हमेशा से दावा करते की उन्होंने कैंसर का इलाज खोज लिया है तो अगर उन्होंने ऐसा किया है तो उनको नोबेल पुरस्कार देना चाहिए। बाबा हमेशा से बिमारियों के इलाज को अवैज्ञानिक दावे करते रहते है। अपनी दवाइयों को बेचने के लिए रामदेव हमेशा झूठ बोलते आ रहे है।
डॉक्टर खन्ना ने कहा की बाबा ने बताया की हमने अपनी दवाई का ट्रायल्स अस्पतालों में किया है लेकिन जब हमने उन अस्पतालों के नाम पूछे तो नाम नहीं बता पाए क्योकि उन्होंने किसी अस्पताल में कोई ट्रायल्स नहीं किया है। खन्ना ने बताया की अगर सरकार उनके खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कार्यवाई नहीं करती है तो IMA हरिद्वार उनके खिलाफ कार्यवाई करेगी।