योगी सरकार हर रोज दावे कर रही है कि उसके राज्य में सब कुछ ठीक है लेकिन आये दिन ऐसी खबरें आती है कि सरकार सभी दावे कि पोल खुल जाती है। अब तो लोगो ने भी सरकार पर सवाल करने खड़े करने शुरू कर दिए है। इसी बीच खबरे आ रही है उत्तर प्रदेश के उन्नाव से आ रही है। इस कोरोना महामारी संकट के बीच उन्नाव में 16 सरकारी डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। ये सभी डॉक्टर्स अलग – अलग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी है और उनका आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और जिला प्रशासन उनसे ढंग तरीके से बात नहीं करते है और प्रशासन पर तानाशाही करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि हम पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है ऐसे में उच्च अधिकारीयों द्वारा हमे सहयोग नहीं मिल रहा है, इसलिए हमने अपना इस्तीफा डिप्टी सीएमओ तन्मय कक्कड़ को दिया है क्योकि सीएमओ हमें मिले नहीं।
एक चैनल से बातचीत के दौरान एक पीएचसी के प्रभारी डॉक्टर संजीव कुमार ने बताया कि उच्च अधिकारियोंके व्यवहार से परेशां हो गए है। हमे कोविद वक्सीनशन ,RT – PCR का टेस्ट हो इन सबका टारगेट तत्काल दिया जाता है और जिला प्रशासन भी अभद्र व्यवहार करता है। एक सीएचसी के प्रभारी डॉक्टर मनोज ने आरोप लगाया है उनको बिना कोई स्पष्टीकरण का मौका दिए बिना ही चिकित्सा अधिकारी प्रभारी एसोहा और कार्यवाहक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी फतेहपुर ने मुझे प्रभारी पद से हटा दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सभी प्रभारी एकतरफा कार्यवाही से पपरेशन हो कर इस्तीफा देने का फैसला किया है।
सामूहिक इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों में – डॉक्टर मनोज ,डॉक्टर विजय कुमार , डॉक्टर संजीव कुमार, डॉक्टर शरद वैश्य ,डॉक्टर अरुण कुमार ,डॉक्टर पंकज पांडेय ,शामिल है। इस सभी ने अपने इस्तीफे कि एक कॉपी डॉक्टरों के संघ को और स्वास्थ विभाग के अन्य बड़े अधिकारीयों को भी भेज दी है।
