नई गाइडलाइन्स के खिलाफ व्हाट्सएप ने कोर्ट का खटखटाया दरवाजा।

बीते 25 फरवरी को केंद्र सरकार ने भारत में काम रहे उनके लिए एक नई गाइडलाइन्स बनाई थी। इस गाइडलाइन्स की जानकारी सभी सोशल मीडिया एप को नोटिस भेजते हुए कहा कि 3 महीने के अंदर इस गाइडलाइन्स को लागु करने होगा। अब 26 मई को सरकार द्वारा दी गयी समयसीमा आज समाप्त हो रही है। अब ऐसे में व्हाट्सएप ने सरकार के नई गाइडलाइन्स को कोर्ट में चुनौती दी है और कहा है इस गाइडलाइन्स कि वजह से उपभोक्ताओं के निजता का हनन होगा यानी कि निजता के अधिकार के खिलाफ है।

तीन महीने पहले जारी कि गयी गाइडलाइन्स में व्हाट्सएप और बाकि कंपनियों को अपने एप के द्वारा भेजे गए हर मैसेज के ओरिजिनल जानकारी अपने पास रखनी होगी। अब इस नई गाइडलाइन्स को लेकर व्हाट्सएप दिल्ली के हाई कोर्ट में पहुंच गया है। एक न्यूज़ एजेंसी के अनुसार व्हाट्सएप का कहना है कि इस नई गाइडलाइन्स से लोगो के निजता का हनन होगा और उनकी प्राइवेसी खत्म हो जायेगी।

व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने बताया कि इस तरह से मेइप को ट्रेस करने से उपभोगताओं के निजता के अधिकारों का उलंघन होगा। व्हाट्सएप एंड टू एंड एन्क्रिपशन का फिर कोई मतलब नहीं रहेगा। इस नए नियम के अनुसार हमे अब लोगो के हर मैसेज पर नजर रखनी होगी जो उपभोग्यताओ के निजता का उलंघन है।फेसबुक ने कहा है कि हम इस नई गाइडलाइन्स के लिए सरकार से बातचीत जारी रखेंगे। कंपनी ने कहा हम आईटी के नियमों का पालन करेंगे और इस मुद्दे से सरकार के साथ बातचीत जारी रहेगा।

आईटी के नियमों के अनुसार ऑपरेशनल प्रोसेस लागू करने और उसकी एफिशिएंसी बढ़ाने का काम जारी है। हमारी कंपनी इस बात का पूरा ख्याल रख रही है कि लोग अपनी बात हमारे प्लेटफार्म के माध्यम से सुररक्षित तरिके से कर पाए। अब यह देखना होगा कि सरकार और सोशल मीडिया के बीच इस नई गाइडलाइन्स को लेकर क्या फैसला आता है और कोर्ट किसके पक्ष में अपना निर्णय देता है। 

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