SC On Maharashtra Political Crisis: क्या है Nabam Rebia Case जिसका सुप्रीम कोर्ट में हुआ जिक्र?

महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच शिवसेना के बाद एक गुट के नेता एकनाथ शिंदे को फिलहाल राहत मिली है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर 11 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी है। ऐसे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना के धड़े के लिए झटका माना जा रहा है लेकिन इसी बीच महाराष्ट्र संकट पर बागी विधायकों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अरुणाचल प्रदेश के नबाम रेबिया केस की दलील दी गई, बागी विधायकों के वकील नीरज किशन कौल ने शीर्ष अदालत के संविधान पीठ के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि डिप्टी स्पीकर किसी विधायक कों अयोग्य नहीं ठहरा सकते। ऐसे में ठाकरे पक्ष के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यहां रेबिया केस के तहत फैसला नहीं आ सकता बल्कि यें संविधान के 212 के अनुच्छेद के तहत मामला बनता है।

सवाल यें है कि आखिरकार नवाब रेबिया केस है क्या ?

आपको बता दें, 2016 में अरुणाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री नबाम तुकी सत्ता संभाले हुए कुछ ही महीने हुए थे कि कांग्रेस पार्टी के विधायक बागी हो गयें। नबाम तुकी कों कुर्सी से हटाने के लिए कांग्रेस के 27 विधायकों ने बगावती बिगुल फूंक दिया। नवाम तुकी को सीएम की कुर्सी से हटाने के लिए सभी बागी विधायक दिल्ली में कैंप कर लिए। उधर विधानसभा के स्पीकर बागी विधायकों की सदस्यता खत्म करने वाले थे, जिस पर अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ने जेपी राजखोवा ने मुख्यमंत्री के सलाह के बिना ही अध्यक्ष नबाम रेबिया कों हटाने के प्रस्ताव पर 16 दिसंबर 2016 कों विधानसभा सत्र बुलाने का आदेश दिया, राज्यपाल के फैसले के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई लेकिन हाईकोर्ट नें राज्यपाल का समर्थन किया। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति शासन को वापस लेने का आदेश दिया, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुख्यमंत्री क़े सिफारिश के बिना राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाने का अधिकार नहीं है, वों गैरकानूनी था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने नबाम तुकी की याचिका खारिज कर दी थी, तुकी नें याचिका में सरकार बनने से रोकने की मांग की थी बाद में वह विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाए और बागियों के साथ मिलकर बीजेपी ने सरकार बना ली थी।

अब अलगी सुनवाई कब होंगी !

फिलहाल महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट पहुंच गया है सुप्रीम कोर्ट में बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई हुई इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में बागी गुट और शिवसेना पक्ष की दलीलें रखी गई मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को होंगी।

Leave a Comment

नरेंद्र मोदी की माँ का निधन कब हुआ? | Heera Ben Ka Nidhan Kab Hua कर्नाटक के मुख्यमंत्री कौन है?, Karnataka Ke Mukhya Mantri kon Hai, CM Of Karnataka कर्नाटक के बिजली मंत्री कौन है? , Karnataka Ke Bijli Mantri Kon Hai, Electricity Minister Of Karnataka पश्चिम बंगाल में Bikaner Express के 12 डिब्बे पटरी से उतरे विधानसभा चुनाव उत्तर प्रदेश (Assembly elections Uttar Pradesh)