अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर आज से चार धाम यात्रा का शुभ आरंभ हो गया है। उत्तराखंड चार धाम की यात्रा सिर्फ भारतीय भक्तों में ही लोकप्रिय नहीं है बल्कि ये चार धाम यात्रा विदेशियों को भी आकर्षित करती है। मान्यता है कि एक बार जब आप चार धाम यात्रा करते हैं तो भक्त सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं। चारों धामों के कपाट खुलने का सिलसिला अब शुरू हो चुका है, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट आज से खुलेंगे। गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर खुलेंगे, तों वही यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर खुलेंगे। साथ ही आपको बता दें कि केदारनाथ के कपाट 6 मई को खोले जाएंगे,और बद्रीनाथ के कपाट 8 मई को खुलेंगे। उत्तराखंड सरकार की तरफ से निर्देश जारी किए गए पिछले 2 साल से कोविड महामारी के कारण बाधित रही चार धाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के आने की संभावना क़े मद्देनजर चार धाम यात्रा के लिए तीर्थ यात्रियों की संख्या भी तय कर दी गई है। रोजाना 15 हजार श्रद्धालु बद्रीनाथ के दर्शन कर सकेंगे जबकि केदारनाथ में 12 हजार, गंगोत्री धाम के दर्शन 7 हजार श्रद्धालु कर सकेंगे और यमुनोत्री धाम में सिर्फ 4 हजार श्रद्धालु ही हर दिन दर्शन कर पाएंगे, यें संख्या पहले 45 दिन के लिए तय की गई है।
चार धाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार नें लागू किए नियम …?
चार धाम की यात्रा की शुरुआत को लेकर उत्तराखंड सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है, इस साल चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आने वाले तीर्थ यात्रियों कों कोविड की नेगेटिव जांच रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाण पत्र साथ लाना जरूरी नहीं है लेकिन चार धाम पर जाने के लिए पहले श्रद्धालुओं के लिए परिजन विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य रखा गया है। ऐसा इसलिए किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा पर पहुंचने के बाद किसी तरह की असुविधा ना हो और राज्य की सीमाओं पर भीड़ ना जमा हो। श्रद्धालुओं के परिवहन ठहरने, खाने-पीने, पार्किंग प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों और मंदिर में दर्शन की क्षमता और मंदिर परिषद की क्षमता को देखते हुए यें निर्णय लिया गया है।