DRDO और Indian Army ने किया QRSAM का सफल परीक्षण, जानें क्या है ख़ासियत ? |

अब दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन यानी डीआरडीओ ऐसा हथियार बनाया है जो पलक झपकते ही दुश्मन के किसी भी हमले का जवाब देने में सक्षम है। खास बात यह है कि यह हथियार बहुत जल्द अब भारतीय सेना को मिलने वाला है जिससे भारतीय सेना की ताकत में और इजाफा हो जाएगा। दरअसल इस हथियार का नाम है क्विक रिएक्शन सर्फेस टू एयर मिसाइल जिसका परीक्षण डीआरडीओ ने भारतीय सेना के साथ मिलकर किया है। आपको बता दें कि यह स्वदेशी मिसाइल है जिसके फ्लाइट टेस्ट मूल्यांकन परीक्षण के तहत भारतीय सेना ने किए हैं यह सभी सफल टेस्ट इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज चांदीपुर से किए गए हैं।

तो चलिए अब आपको बताते हैं कि आखिर यह कैसे काम करता है और दुश्मन के लिए यह इतना खतरनाक क्यों है

डीआरडीओ ने भारतीय सेना के साथ मिलकर क्विक रिएक्शन सर्फेस टो एयर मिसाइल का सफल परीक्षण किया परीक्षण के दौरान कई तरह की परिस्थितियों को पैदा किया गया जिसमें दुश्मन का हवाई टारगेट तेज गति से आता है उसे खत्म करने के लिए क्यू आर एस ए एम को लॉन्च किया जाता है। इस दौरान लॉन्च रेंज मीडियम एलटीटी short-range हाई एल्टीट्यूड मैन्यूरिंग टारगेट लोडेड सिग्नेचर क्रॉसिंग टारगेट और दो मिसाइलों को एक के बाद एक दागकर टारगेट के बचने और खत्म होने की समीक्षा की गई। परीक्षण को दिन और रात दोनों परिस्थितियों में किया गया यानी इस बात की संभावना बहुत ही कम है कि दुश्मन देश किसी भी तरह का और किसी भी एंगल से हमला करता है। यू आर एच ए एम को उसको तबाह करने में पल भर का समय लगेगा।

DRDO नें कहा कि असफल रहे और मिशन के सभी उद्देश्यों पूरा किया गया

इतना ही नहीं क्विक रिएक्शन सर्विस टू एयर मिसाइल ने सभी मानकों को पूरा किया है सटीकता के साथ टारगेट पर हमला किया। इस दौरान मिसाइल के वार हेड चेन की भी जांच की गई सारे परीक्षण के बाद यह बात पुख्ता हो गई कि भारतीय यू आर एस ए एम सिस्टम बेहतरीन, घातक, तेज और सटीक है। डीआरडीओ में फ्लाइट टेस्ट के दौरान टेलिमेटरी रडार और electro-optical ट्रैकिंग सिस्टम की भी जांच की ताकि यह पता चल सके कि यह सभी मिसाइल और दुश्मन पर टारगेट को सही से ट्रैक कर रहे हैं या नहीं। सभी सिस्टम बखूबी काम कर रहे थे डीआरडीओ और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में इस मिसाइल सिस्टम का परीक्षण किया गया।

मिसाइल की और क्या कुछ खासियत !

इस टेस्ट में स्वदेशी आरएफ मोबाइल लांचर पूरी तरह से स्वचालित कमांड और नियंत्रण प्रणाली निगरानी और बहू का रडार के साथ मिसाइल को लांच किया गया था। बता दें कि यह मिसाइल सिस्टम दुश्मन और हथियारों दोनों को खोज कर मारने की क्षमता रखता है। इसमें लगे तो देश का एक अलग ही पहचान देते हैं। जिसे मोबाइल लांचर से इसे लांच किया जाता है। वह फायर करने के बाद अपनी जगह को तुरंत बदलने की क्षमता रखता है जिससे दुश्मन के रेडारे इसे आसानी से पकड़ नहीं पाते हैं।

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