भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई की तरफ से देश में डिजिटल करेंसी (DIGITAL CURRENCY) लाने की तैयारी चल रही है। इस डिजिटल करेंसी (DIGITAL CURRENCY) की शुरुआत छोटे-छोटे लेन-देन से की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक मिली खबर के अनुसार शुरुआत में अगर छोटे बड़े सभी प्रकार के ट्रांजैक्शन के लिए अगर इसकी अनुमति दी जाती है तो इकोनॉमी में ECONOMY में रुपए के स्टॉक में तेजी से बढ़ोतरी होने की संभावना रहेगी।
इस डिजिटल करेंसी (DIGITAL CURRENCY) के शुरुआती दौर में इस्तेमाल की कोई अनिवार्यता नहीं रहेगी। आपको बता दें कि इस डिजिटल करेंसी के लॉन्च होने के बाद कोई भी ग्राहक बैंक में जमा अपने धनराशि को डिजिटल वॉलेट में डाल सकेगा। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने हाल में ही डिजिटल करेंसी (DIGITAL CURRENCY) लाने की घोषणा की थी।
डिजिटल करेंसी का क्या है फायदा ?
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डिजिटल करेंसी आने से भविष्य में नोट छपाई की लागत कम होती है और क्रिप्टो जैसी वर्चुअल करेंसी से अर्थव्यवस्था को खतरा भी नहीं रहेगा ऐसा आरबीआई के मुताबिक दिए बयान पर कहा जा रहा है। भारत के अलावा अमेरिका और चीन जैसे देश में सेंट्रल बैंक भी अपनी डिजिटल करेंसी लाने पर विचार कर रहे हैं। डिजिटल करेंसी (DIGITAL CURRENCY) का सबसे बड़ा फायदा यह है की आरबीआई इस पर आसानी से अपनी नजर रख पाएगा।
कैसी होगी DIGITAL CURRENCY ?
सूत्रों के मुताबिक डिजिटल करेंसी (DIGITAL CURRENCY) पर्स या वॉलेट में रखे जाने वाली नोटों की तरह से ही होगा, लेकिन इसमें सिर्फ इतना फर्क है कि वह डिजिटल वॉलेट में होगी। आपको बता दें कि अभी क्रिप्टो जैसी डिजिटल या वर्चुअल करेंसी प्रचलन में है लेकिन इसकी सरकारी कोई भी गारंटी नहीं होती है। क्रिप्टो करेंसी के लगातार बनी अस्थिरता की वजह से इकोनॉमी के लिए भी खतरा हो सकता है, लेकिन आरबीआई की तरफ से जारी की जाने वाली डिजिटल करेंसी (DIGITAL CURRENCY) की पूरी जिम्मेदारी खुद आरबीआई की ही होगी।
क्या DIGITAL CURRENCY आने के बाद नोटों का प्रचलन बंद होगा ?
डिजिटल करेंसी जारी होने के बाद भी कागज के नोटों को हटा दिया जाएगा ऐसा अभी कोई जानकारी नहीं दिया गया है। ग्राहक बैंकों में नोट जमा और निकासी पूर्व की तरह से करते रहेंगे। अगर कोई ग्राहक अपनी धनराशि को DIGITAL CURRENCY में बदलना चाहता है तो वह बदल पाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक बैंकों में जमा धनराशि को अगर ग्राहक डिजिटल रूप में बदलता है तो उस पर ब्याज नहीं दिया जाएगा।
डिजिटल करेंसी के आने के बाद सरकार को इससे क्या होगा लाभ ?
बैंक से जुड़े विशेषज्ञों के दिए जानकारी के मुताबिक आरबीआई द्वारा जारी इस डिजिटल करेंसी को बनाने की लागत नोट के बनाने के मुकाबले कम होगी। डिजिटल करेंसी आने के बाद नोटों की छपाई और वितरण का खर्च कम हो जाएगा। डिजिटल करेंसी आने के बाद जाली नोटों की समस्या खत्म हो जाएगी। इसको जारी करने के बाद इलेक्ट्रॉनिक वितरण का भी कोई खर्च नहीं लगेगा। विशेषज्ञों ने बताया कि आरबीआई द्वारा जारी इस डिजिटल करेंसी की लेने के बाद छपाई नहीं की जा सकती है।
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