टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत को जिस गोल्ड का इंतजार था उसको आज NEERAJ CHOPRA ने जीतकर इतिहास रच दिया। NEERAJ CHOPRA ने भारत के करोड़ों लोगों की मनोकामना को पूर्ण करते हुए जैवलिन में भारत को पहला गोल्ड दिला दिया। नीरज चोपड़ा ने फाइनल मैच के दौरान अपने प्रतिद्वंदी खिलाड़ियों के ऊपर अपना दबदबा बनाए रखा। खेल के पहले थ्रो में नीरज चोपड़ा ने अपना भाला 87 मीटर दूर फेंक दिया। इसके बाद उन्होंने दूसरी थ्रो में अपने प्रदर्शन को और बेहतरीन करते हुए फिर से वाले को 87 मीटर से भी दूर फेक दिया। अंतिम पड़ाव में सभी को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया।
NEERAJ CHOPRA का क्या है इतिहास?
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नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव में 24 दिसंबर 1997 को एक छोटे से किसान के घर में जन्मे है। नीरज चोपड़ा ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ से पूरी की और 2016 में पोलैंड में हुए आईएएएफ वर्ल्ड अंडर 20 चैंपियनशिप में अपना भाला 86.48 मीटर दूर फेंक कर गोल्ड जीतने का कारनामा किया था।
इसके बाद NEERAJ CHOPRA को आर्मी में जूनियर कमीशंड ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति मिली। नीरज चोपड़ा को आर्मी में जॉब मिलने के बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि मेरे पिता एक किसान है और मां हाउसवाइफ। मेरी एक जॉइंट फैमिली है और मेरे परिवार में किसी की सरकारी नौकरी नहीं थी। इसीलिए जब मुझे नौकरी मिली है तो सब बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपनी ट्रेनिंग जारी रखने के साथ-साथ अपने परिवार को आर्थिक मदद का भी सहयोग कर सकता हूं।
कैसा रहा है NEERAJ CHOPRA का सफर?
नीरज चोपड़ा बीते वर्ष में साउथ अफ्रीका में आयोजित हुए सेंट्रल नॉर्थ ईस्ट मीटिंग एथलीट चैंपियंस के जरिए ओलंपिक में जाने का टिकट प्राप्त किया। उन्होंने 87.86 मीटर जैवलिन थ्रो करके 85 मीटर के अनिवार्य क्वालीफिकेशन मार्क को पार कर दिया जिसके बाद उन्हें टोक्यो में जाने की अनुमति मिल गई।।
टोक्यो में आज का कैसा रहा प्रदर्शन?
टोक्यो के आज के प्रदर्शन की बात करें तो NEERAJ CHOPRA ने पहले प्रयास में 87.3 का स्कोर प्राप्त किया और इसके साथ पहले स्थान पर मौजूद रहे। उनके प्रतिद्वंदी जो दूसरे स्थान पर थे जर्मनी के बेवर जूलियन ने 85.3 स्कोर था। नीरज चोपड़ा अपने दूसरे प्रयास में फिर से 87.58 का स्कोर प्राप्त करते हुए पहले स्थान पर काबिज रहे। जबकि बेवर जूलियन ने अपने दूसरे प्रयास में 85.30 का स्कोर प्राप्त किया।
अगले तीसरे प्रयास में नीरज ने 76.79 का स्कोर प्राप्त किया तथा अपने चौथे प्रयास में नीरज ने फाउल कर दिया। नीरज ने अपना पांचवा प्रयास किया और यह भी फाउल था, लेकिन सबसे ज्यादा स्कोर होने की वजह से वह पहले स्थान पर काबिज रहे। इसके साथ ही उन्होंने जैवलिन थ्रो में पहला स्थान प्राप्त करते हुए गोल्ड मेडल जीत लिया।
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