भारत में पेगासस सॉफ्टवेयर को लेकर बड़ा बवाल मचा हुआ है। यह बवाल मानसून सत्र के आरंभ होने से ठीक पहले शुरू हुआ। इस पेगासस सॉफ्टवेयर मामले की वजह से मानसून सत्र के कई दिन बर्बाद हुए। इसी बीच इस सॉफ्टवेयर को बनाने वाली इजरायली कंपनी NSO ने कई सरकारी एजेंसियों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
कई सरकारी एजेंसियों के पेगासस सॉफ्टवेयर इस्तेमाल पर लगी रोक
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कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक NSO कुछ क्लाइंट के खिलाफ जांच आरंभ कर दी है और इसमें कुछ को अस्थाई रूप से भी सस्पेंड कर दिया गया है। इस NSO ग्रुप ने अब तक इस बात का खंडन नहीं किया कि किन किन कंपनियों पर रोक लगाया है और कब तक के लिए लगाया है।
बुधवार को NSO के दफ्तर पर हुई थी छापेमारी
कंपनी के कर्मचारियों के मुताबिक एनपीआर को उन सरकारी एजेंसियों को नाम बताने के लिए भी मना कर दिया गया है। कंपनी के पॉलिसी के मुताबिक वे अपने उपभोक्ता की पहचान साझा नहीं कर सकती है। इजरायली रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने इस जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस को बनाने वाली कंपनी की NSO की तेल अवीव में स्थित दफ्तर पर भी बुधवार के दिन छापेमारी की थी। इस छापेमारी के बाद कंपनी ने इसको निरीक्षण बताया।
फ़्रांस के राष्ट्रपति के जासूसी में भी इस्तेमाल होने का आरोप
इजरायली रक्षा मंत्री बेनी गेंट्ज ने भी फ्रांस दौरे पर वहां की रक्षा मंत्री फ्लोरेस पार्ले से भी पेगासस सॉफ्टवेयर के बारे में लेकर चर्चा की। इस मीटिंग के दौरान गेंट्ज कहा कि हम इस पेगासस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। NSO के इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल पर आरोप है कि यह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की जासूसी के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा था।