एक ही परिवार के 9 लोगों कि गयी जान
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मुंबई में मानसून ने दस्तक दे दी है। बीते कुछ दिनों से मुंबई में जोरदार बारिश हो रही है। इस जोरदार मानसून की दस्तक के वजह से मुंबईवासियों की मुसीबतें बढ़ने लगी है। बुधवार के दिन हुई भारी बारिश के बाद देर रात मलाड वेस्ट के मालवनी इलाके में एक चार मंजिला इमारत देखते ही देखते जमींदोज हो गई। 4 मंजिला इमारत का मलबा एक दूसरी इमारत पर जाकर गिरा और इस हादसे में कुल 11 लोगों की मौत हो गई। जिसमें मोहम्मद रफ़ी के परिवार के 9 लोगो की जान गयी। BJP ने इस हादसे का जिम्मेदार मुंबई BMC को बताया है।
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दूध कि वजह से मोहम्मद रफ़ी बचे जिन्दा
इस 11 लोगों में से 9 लोग एक ही परिवार के थे। जिस परिवार के 9 सदस्यों की मृत्यु हुई उनमें से 43 साल के मोहम्मद रफी बस जिंदा है। इस हादसे में 8 लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। मोहम्मद रफी अब इस दुर्घटना के बाद से उस मलबे में अपनों की निशानियां को ढूंढते और बिलखते नजर आ रहे हैं। मोहम्मद रफी से बातचीत में पता चला की देर रात करीब 10:00 बजे दूध लेने के लिए घर से बाहर गए हुए थे। दूध लेकर कुछ देर बाद जब वह वापस लौटे तो पूरी इमारत जमींदोज हो चुकी थी।
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मोहम्मद रफ़ी ने सुनाई आपबीती
मोहम्मद रफ़ी बताते हैं कि जैसे ही मैंने यह मंजर देखा पहले तो मुझे यकीन नहीं हुआ, अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था ,लेकिन किसी तरह से हिम्मत जुटाकर धूलों के गुब्बार के बीच में मैंने मलबा हटाकर अपनों को ढूंढने का प्रयास शुरू कर दिया। मोहम्मद रफ़ी बताते हैं कि मेरे ये मेहनत नाकाफी थे। सुबह होते – होते मुझे मेरे ही परिवार के 9 सदस्यों की लाश मेरे आंखों के सामने पड़ी थी।
हादसे में 6 बच्चों कि गयी जान
मोहम्मद रफ़ी ने बताया कि मेरे परिवार में जिन 9 लोगों की मृत्यु हुई है उनमें से 6 बच्चे थे जिनकी उम्र 1 साल से लेकर 15 साल के बीच में थी। मोहम्मद रफी ने बताया कि इस हादसे में उनकी पत्नी ,भाई और भाभी की भी मृत्यु हुई। रफी ने बताया कि मेरा डेढ़ साल का एक भतीजा भी था जो इस हादसे ने चला गया। आसपास के लोगों ने बताया कि मोहम्मद रफ़ी इस घटना के बाद पूरी रात वहीं बैठे रहे और अपनी आंखों के सामने अपनों के शव को बाहर निकलते देखते रहे।
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मोहम्मद रफ़ी ने बताया कि मुझे थोड़ा सा भी अंदाजा नहीं था कि या मकान इतनी जर्जर हो चुकी है अगर इसकी खबर मुझे पहले होती तो मैं इस मकान को पहले ही छोड़ दिया होता। रफी और उनके भाई पूरे परिवार के साथ इमारत के तीसरे फ्लोर पर छोटे वे छोटे कमरों में रहते थे। मुंबई BMC के सूत्रों के अनुसार इस इमारत में 3 से 4 परिवार रहते थे। कुछ दिन पहले ही दो परिवार यहां से दूसरी जगह चले गए थे। यह इमारत अब्दुल हमीद रोड पर न्यू कलेक्टर कंपाउंड में बनी हुई थी। इमारत ताउते तूफान की वजह से कमजोर हो गई थी।
मुंबई BMC कि लापरवाही आयी सामने
मुंबई BMC की टीमों ने कुछ दिन पहले सैकड़ों इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कर 21 इमारतों को खतरनाक घोषित किया था , लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि यह इमारत उस लिस्ट में शामिल नहीं थी। लोगों का कहना है कि अगर इसका भी ऑडिट किया गया होता तो आज यह सभी लोग जिंदा होते। हालांकि अपने देश में हर घटना पर राजनीति होनी स्वाभाविक है, तो इस मौत के बाद भी पक्ष विपक्ष की राजनीति शुरू हो गई है।
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भाजपा का मुंबई BMC पर आरोप- “ये हादसा नहीं हत्या है”
भारतीय जनता पार्टी जो विपक्ष में है वह सत्ताधारी पार्टी यानी शिवसेना के ऊपर आरोप लगा रही है। भारतीय जनता पार्टी के नेता राम कदम ने कहा कि यह दुर्घटना शिवसेना शासित BMC की लापरवाही के कारण हुई है, इसलिए यह हादसा नहीं हत्या है। इस दुखद घटना के बाद से सरकार ने पीड़ितों के परिवार को पांच लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। इस हादसे में घायल लोगों से मिलने सीएम उद्धव ठाकरे और उनके बेटे हॉस्पिटल पहुंचे जहां पीड़ितों ने रो रोकर अपना हाल बताया।
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