Danushka Gunathilaka: -पिछले साल इंग्लैंड दौरे में बायो-बबल को तोड़ने के कारण वर्तमान में गुनाथिलका जून 2021 से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध पर है। दनुष्का गुनाथिलका , जो वर्तमान में पिछले साल जून से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध पर हैं, ने टेस्ट प्रारूप से संन्यास की घोषणा की है। सलामी बल्लेबाज ने आखिरी बार 2018 में राष्ट्र के लिए सिर्फ एक टेस्ट खेला था और उनकी लगातार विफलताओं के कारण उन्हें लंबे प्रारूप में जगह से बाहर रखा गया। हाल ही में एक और श्रीलंकाई क्रिकेटर भानुका राजपक्षे के अप्रत्याशित संन्यास के खबर को सुनने के बाद, गुनाथिलका का संन्यास द्वीप राष्ट्र के लिए एक और बड़ा झटका है।
गुनाथिलका ने श्रीलंकाई टीम के दो सदस्यों कुसल मेंडिस और निरोशन डिकवेला के साथ जून 2021 में इंग्लैंड दौरे के समय बायो बबल को तोड़ दिया था। उच्चस्तरीय जानेमाने बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अब तक सिर्फ आठ टेस्ट खेले हैं, जिसमें उन्होंने 18.7 के औसत से केवल 299 रन ही बना पाएं थे और उन्होंने अपने टेस्ट करियर में सिर्फ दो अर्द्धशतक लगाए थे। हालांकि सीमित ओवरों के प्रारूप में उनकी संख्या इससे कहीं बेहतर है और पांच महीने के अंतराल में प्रतिबंध पूरा करने के बाद वह अन्य सीमित ओवरों के प्रारूपों में खेलना जारी रखेंगे।
सीमित ओवरों के क्रिकेट में एक बेहतर भविष्य की उम्मीद में गुनाथिलका (Danushka Gunathilaka) –
30 वर्षीय गुनाथिलका ने अपने इस अचानक अचंभित फैसले का खुलासा करते हुए कहा कि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने नियमों में काफी सारे बदलाव किए है। उनका मानना है की फिटनेस स्टार में जो बदलाव हुआ है उसका एक वजह भानुका राजपक्षे का संन्यास के निर्णय से जुड़ा हुआ है। जा श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने यो यो टेस्ट के समय सीमा को घटाया है अर्थात 2 किलोमीटर टेस्ट के लिए बेंचमार्क 8 मिनट 53 सेकंड से घटाकर 8 मिनट 10 सेकंड तक सीमित कर दिया हैं।
“अपने देश के लिए खेलना हमेशा से एक सम्मान की बात होती है और मुझे उम्मीद है कि भविष्य में जब भी मुझे ऐसा करने के लिए बुलाया जाएगा तो मैं श्रीलंका का प्रतिनिधित्व करना जारी रखूंगा और अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता से अपना पूरा योगदान दूंगा”। – दानुष्का गुनाथिलका (Danushka Gunathilaka) (न्यूजवायर के रिपोर्ट के अनुसार)
प्रतिबंध से पूर्व गुनाथिलका श्रीलंका के लिए सीमित ओवरों के सेटअप में एक नियमित खिलाड़ी थे। अब तक उन्होंने अपने करियर में 44 एकदिवसीय और 30 टी 20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में देश का प्रतिनिधित्व किया है। वह एक अंशकालिक स्पिनर के रूप में भी अपना हाथ घुमा सकता है और साथ ही वे एक बेहतरीन फील्डर भी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या श्रीलंकाई बोर्ड अपने फिटनेस बेंचमार्क में कोई बदलाव करता है या नही क्योंकि रिटायरमेंट की संख्या अब उनके देश में बढ़ने लगी है जो की श्रीलंका क्रिकेट के लिए खतरे से खाली नहीं है।
लेखक ~ आर्यतीर्थ गांगुली