झारखंड (Jharkhand )की राजधानी में रांची में सोमवार की सुबह ईडी की छापेमारी ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी. प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड की राजधानी रांची के कई इलाकों में छापेमारी की.
झारखंड (Jharkhand )के ग्रामिण विकास मंत्री आलमगीर आलम के सचीव संजीव लाल के धरेलू सहायक के यहां से भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई. ये छापेमारी वीरेंद्र राम मामले में हुई है. खबरों के मुताबिक सुबह 10 बजे तक 20 करोड़ से ज्यादा रकम की गिनती हो चुकी है. अधिकारियों के मुताबिक अभी भी नोटों की गिनती जारी है.
वीरेंद्र राम मामला क्या है (ED in )
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ईडी ने पिछले साल फरवरी में झारखंड (Jharkhand )ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र के. राम को मनी लॉन्ड्रिग मामले में गिरफ्तार किया था. ईडी लंबी पूछताछ करने के बाद वीरेंद्र के. राम को गिरफ्तार किया था. ईडी के सामने पूछताछ में वीरेंद्र राम ने कई बड़े व्यक्तियों के साथ अपने संबंधों का खुलासा किया था. खबरों के मुताबिक छापेमारी के दौरान राम के यहां करीब 150 करोड़ की संपत्ति मिली थी. इन रकम के अलावा दो करोड़ के सोने के आभूषण भी बरामद किए गए थे. ईडी ने लैपटॉप और कुछ पेन ड्राइव बी जब्त किया था.
कब हुई थी वीरेंद्र के यहां छापेमारी
वीरेंद्र के. राम के 24 ठिकानों पर ईडी ने पिछले साल 21 फरवरी को छापेमारी आरंभ की थी. ये छापेमारी 22 फरवरी को समाप्त हुई थी. इस छापेमारी में कई दस्तावेज ईडी को मिले थे. इन दस्तावेजों के आधार पर ईडी ने वीरेंद्र राम से दो दिन तक पूछताछ की थी.
ईडी ने अदालत में क्या बताया था
राम और उनके परिवार के बैंक खातों की जानकारी अदालत में देते हुए ईडी ने कहा कि कानूनी स्त्रोतों से अधिक धन की जानकारी प्राप्त हुई थी. ईडी ने कहा की के. राम ने अपने पिता, पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर चल और अचल संपत्ति अर्जित की है. ये सारी संपत्ति परिवार की आय के अनुपात में नहीं है. 2020 में वीरेंद्र राम के खिलाफ मनी लॉड्रिंग मामले में शिकायत दर्ज हुई थी.