ICMR: कोरोना महामारी से बचने में सबसे असरदार तरीका कोई है तो वह है वैक्सीन। दुनिया भर में तमाम कंपनियां अलग-अलग तरीके से कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन तैयार की हैं। इसी बीच भारत में भी COVISHILED और COVAXIN तैयार की गयी है अब दुनिया भर में कोरोना से लड़ने के लिए मिक्स वैक्सीन को तैयार करने के लिए अध्ययन चल रहा है। वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि अगर दो अलग-अलग वैक्सीन के डोज को भी लगाया जाए तो बेहतर इम्यूनिटी इंसानो के शरीर में बन सकती है।
इस अध्ययन पर भारत में हुआ है। भारत में हुए अध्ययन के मुताबिक एक नतीजा सामने आया है जिसमें मिक्स वैक्सीन के इस्तेमाल के नतीजे सकारात्मक दिखाए गए हैं। इस पर अध्ययन करने वाली भारत की इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा कि अगर कोई इंसान पहली डोज COVISHILED और दूसरी डोज COVAXINE का ले लेता है तो उसके अंदर बेहतर इम्युनिटी पाई गई है।
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क्या कहती है ICMR की स्टडी ?
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ICMR ने बताया कि यह स्टडी इस साल उत्तर प्रदेश के मई और जून में की गई थी। ICMR ने बताया कि इस अध्ययन से पता चला है कि एडिनोवायरस वेक्टर पर आधारित दो अलग-अलग वैक्सीन को मिक्स करने के बाद यह सिर्फ कोरोना से नहीं बल्कि कोरोना के अलग – अलग वेरिएंट से भी लड़ने में सक्षम है। इस स्टडी में आईसीएमआर की तरफ से एक सुझाव भी दिया गया है। वह सुझाव यह है कि मिक्स वैक्सीन से न सिर्फ वैक्सीन की कमी को दूर किया जा सकता है बल्कि अलग-अलग वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में जो गलतफहमियां बनी है उसको भी दूर किया जा सकता है।
ICMR ने कैसे की स्टडी?
आंकड़े के मुताबिक ICMR ने यह स्टडी 98 लोगों के ऊपर किया गया है। 98 लोग में से 40 लोगों COVISHILED की दोनों डोज लगी जबकि 40 लोगों COVAXIN की ही दोनों डोज लगाई गई। बाकी बचे 18 लोगों को COVISHILED की पहली डोज लगी और दूसरी डोज के लिए उनको COVAXINE दे दी गई। इसके बाद अलग-अलग डोज लेने वाले लोगों पर स्टडी किया गया और नतीजे सामने आए। नतीजों में यह देखा कि जिन लोगों को वैक्सीन के अलग-अलग डोज दिए गए थे उनमें कोरोना के खिलाफ अल्फा, बीटा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ लड़ने के लिए यूनिटी काफी बेहतर हो गई है। साथ ही उन सभी 18 लोगों में एंटीबॉडी और न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी की भी मात्रा ज्यादा पाई गई।
मिक्स वैक्सीन पर WHO क्या कहता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने जुलाई में चेतावनी देते हुए कहा था कि कोई भी वैक्सीन की मिक्स डोज ने ले,यह खतरनाक साबित हो सकता है। सौम्या स्वामीनाथन के मुताबिक यह बेहद खतरनाक तरीका है क्योंकि WHO के पास इस तरह का कोई भी डाटा मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग देश अपने लोगों को अपने आप तय करेंगे की दूसरी, तीसरी डोज कब ली जाए तो यह दिक्कत पैदा करने वाला है। सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने 30 जुलाई को COVISHILED और COVAXIN के मिक्स डोज पर अध्ययन करने की मंजूरी मांगी थी। तमिलनाडु स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज ने अध्ययन करने की मंजूरी मांगी, हालांकि सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी थी।
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