ज्ञानवापी पर ऐसा क्या बोले केशव प्रसाद मौर्य कि बौखला गए ओवैसी |

ज्ञानवापी मस्जिद में 3 दिनों तक चला सर्वे आज यानी 16 मई कों पूरा हो गया और दावा किया जा रहा है कि इन तीनों दिनों में बहुत से पुख्ता सबूत मिले जों हिंदू पक्ष के दावों को मजबूत करते हैं। इन सबूतों में सबसे बड़ा सबूत सर्वे के आखिरी दिन शिवलिंग मिलने को लेकर दावे को माना जा रहा है. वही मुस्लिम पक्ष इससे इनकार कर रहा है। हालांकि अभी तो दोनों पक्षों की ओर से दावे किए जा रहे है. किनके दावों में कितना दम है ! यें तों सबूतों के आधार पर कोर्ट ही तय करेगा लेकिन इससे पहले राजनीतिक गलियारों में सियासत काफी गर्म आई हुई है। एक तरफ बीजेपी नेता है तो दूसरी तरफ AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी है. ज्ञानवापी मस्जिद कों लेकर नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया है जिसके बाद यूपी की राजनीति गरमा गई है। केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा- “सत्य” को आप कितना भी छुपा लीजिए लेकिन एक दिन सामने आ ही जाता है क्योंकि “सत्य ही शिव” है बाबा की जय, हर हर महादेव। इसके अलावा केशव प्रसाद मौर्य नें एक दूसरे ट्वीट में लिखा- बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ज्ञानवापी में बाबा महादेव क़े प्रकटीकरण नें देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है।

ज्ञानवापी पर केशव-ओवैसी आमने सामने

इसके अलावा यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य एक समाचार चैनल से बात करते हुए खुशी जाहिर की और कहा कि बुद्ध पूर्णिमा वों भी सोमवार के दिन जो बाबा भोलेनाथ का दिन होता है, शिवलिंग का मिलना सत्य को दर्शाता है। इसके लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है. जिससे मैं अपनी खुशी का इजहार कर सकूं। दूसरी तरफ असदुद्दीन ओवैसी नें भी ट्वीट करके लिखा है कि दिसंबर 1949 में यह बाबरी मस्जिद के मामले जैसा ही टेक्स्ट को दोहराया गया है। यह आदेश ही मस्जिद के स्वरूप को बदल देता है। यह 1991 के कानून का उल्लंघन है. यह मेरी आशंका थी और यह सच हो गया है। ज्ञानवापी मस्जिद फैसले क़े दिन तक मस्जिद थी और रहेगी इंशाअल्लाह। यह तो ओवैसी का ट्वीट है जो ज्ञानवापी मस्जिद कों लेकर उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया है। इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी ने अपने टि्वटर हैंडल पर एक और वीडियो जारी की है जिसमें वों यह कह रही है कि अब बाबरी मस्जिद के बाद अब किसी भी मस्जिद को खोने नहीं देंगे। असदुद्दीन ओवैसी खुले तौर पर कह रहे हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद थी और कयामत तक यह मस्जिद ही रहेगी।

ज्ञानवापी मामले को लेकर 17 मई को होगी कोर्ट में सुनवाई !

आपको बता दें कि कोर्ट के आदेश क़े बाद सर्वे का काम अब आज पूरा कर लिया गया है और इस सर्वे के दौरान जो भी सबूत हाथ लगे अब उसे 17 मई कों कोर्ट में पेश किया जाएगा।

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