महादेव की काशी में भव्य कॉरीडोर का निर्माण करवा कर किसी प्रधानमंत्री ने बाबा विश्वनाथ को गलियों के जाल से आजाद कराया तों वो देश कें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी थे। रामलला की जन्म भूमि अयोध्या में अगर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो तो उसकी किसी प्रधानमंत्री ने रखी थी तों वो नरेंद्र मोदी ही थे। पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने राम जन्म भूमि में कदम रखा तो वो PM मोदी ही थे। देश कें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी हिंदुस्तान में छोड़िए अगर किसी विदेशी दौरे पर भी जाते हैं. तो वहां मौजूद किसी मंदिर में मथा टेकन नहीं भूलते। वो ख़ुद नवरात्रि में 9 दिन का व्रत रखते हैं और वर्तमान हिंदू रीति-रिवाजों का शक्ति से पालन करते हैं लेकिन इसके बावजूद भी PM नरेंद्र मोदी को हिंदू विरोधी बता दिया जाए और यह हिंदू विरोधी होने का टैग पीएम मोदी पर किसी और ने नहीं बल्कि अपनी उनकी पार्टी बीजेपी के नेता और पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने लगाया है। उन्होंने एक ट्वीट में पीएम मोदी के खिलाफ जोरदार हमला बोलते हुए कहा है कि प्रधान मंत्री के तौर पर मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड हिन्दू विरोधी रहा है।
ज्ञानवापी केस: स्वामी का भड़का गुस्सा ! हिंदू विरोधी है पीएम ?
बीजेपी नेता और वकील सुप्रीमियम स्वामी नें एक ट्वीट में कुछ उदाहरण देते हुए कहा- प्रधान मंत्री के तौर पर मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड हिंदू विरोधी कहा है। जो कि बीजेपी के घोषणा-पत्र में किए गए वादे पूरे नहीं कर रहे हैं, उदाहरण के तौर पर राम मंदिर में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में देरी करना रामसेतु को प्राचीन धरोहर का दर्जा ना देना। उत्तराखंड के प्राचीन मंदिरों का अधिग्रहण और 1991 के उपासना स्थल अधिनियम को वापस लेने से इंकार करना। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी नें जिन चार मुद्दों का पीएम मोदी को हिंदू विरोधी बताया है इनमें से अयोध्या मामले का तों निपटारा हो चुका है और वहां भव्य राम मंदिर का निर्माण भी हो रहा है। मगर रामसेतु को आज भी किसी सरकार ने प्राचीन धरोहर का दर्जा नहीं दिलाया वही जिस 1991 के उपासना स्थल अधिनियम स्वामी मोदी से हटाने की मांग कर रहे हैं। यह वही कानून है जिसकी दुहाई हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी बाबरी ढांचे से लेकर ज्ञानवापी तक देते रहे हैं। अब जब ज्ञानवापी का केस चल रहा है तो एक बार फिर ओवैसी ने कांग्रेस शासित नरसिम्हा राव सरकार में लाये गए प्लेसेस ऑफ वरसीपैक्ट 1991 की दुहाई दी है।
ज्ञानवापी विवाद को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी ने ओवैसी को दी नसीहत !
जिस प्लेसेस ऑफ वरसीपैक्ट 1991 की ओवैसी दुहाई दे रहे है उसी एक्ट कों बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम मोदी से हटाने की मांग की है लेकिन सत्ता में बैठी मोदी सरकार अयोध्या फैसले के बाद भी यह कदम उठा सकी। यही वजह कि बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधान मंत्री के तौर पर मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड हिंदू विरोधी बता दिया है। इतना ही नहीं स्वामी ने ज्ञानवापी मामले पर हल्ला मचा रहे ओवैसी जैसे नेताओं को भी नसीहत देते हुए कहा है कि मुस्लिम लीग की ओर से मातृ-भूमि की मांग को पूरा करने के लिए भारत का विभाजन किया गया जो मुसलमान भारत में रहे उन्होंने पारस्परिक रूप से भारतीय संविधान को स्वीकार करने पर सहमति जताई थी। इसीलिए जब भी ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कानूनी यह कहेगा कि यह क्षेत्र हिंदुओं को देना चाहिए तों हमें उम्मीद है कि मुसलमान कानून का सम्मान करेंगे। स्वामी ने देश के मुसलमानों को आजादी के वक्त की बात याद दिलाते हुए साफ कह दिया है कि जब आप अपने भारतीय संविधान स्वीकार करने पर सहमति जताई थी तो संविधान के मुताबिक कोर्ट ज्ञानवापी पर जो भी फैसला देगा उसे आपको मानना होगा। ज्ञानवापी विवाद पर मुस्लिमों को आजादी की बात याद दिलाने के साथ ही स्वामी ने जिस तरह से प्लेसेस ऑफ वरसीपैक्ट 1991 नहीं हटाने पर पीएम मोदी को हिंदू विरोधी बताया है।