अफवाहों को लगा पूर्ण विराम, सीएम योगी पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के घर।

उत्तर प्रदेश की सियासत में पिछले कुछ दिनों से लगातार पार्टी के अंदर चल रही अनबन की खबरें सामने आ रही थी। कुछ खबरों में बताया जा रहा था कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सीएम योगी आदित्यनाथ से नाराज चल रहे। इसी बीच लखनऊ की सियासत से एक बड़ी खबर आ रही है।

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चार साल में पहली बार योगी पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के घर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपने 4 साल के कार्यकाल में पहली बार राजधानी लखनऊ में स्थित डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के सरकारी आवास पर मिलने पहुंचे थे। इन दोनों के बीच उसी सरकारी आवास में बैठक हुई। इस बैठक के दौरान संघ के कई बड़े पदाधिकारी और भाजपा नेता भी शामिल थे। कई मौकों पर डिप्टी सीएम और सीएम योगी आदित्यनाथ के आपसी मनमुटाव की खबरें सामने आई थी। बीते एक हफ्ता पहले ही केशव प्रसाद मौर्य ने आगरा के कार्यक्रम में कहा था सीएम का चेहरा यूपी के लिए दिल्ली से ही तय किया जाएगा।

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कौन – कौन था मौजूद ?

इस बैठक में आदित्यनाथ के अलावा उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होशबोले, सहकार्यवाह कृष्ण गोपाल और क्षेत्र प्रचारक अनिल सिंह शामिल थे। इस बैठक के बाद इन सभी लोगों ने दोपहर का भोजन भी केशव प्रसाद मौर्या के घर पर किया और उनके बेटे और बहू को आशीर्वाद भी दिया। आपको बता दें केशव प्रसाद मौर्य के बेटे की शादी कुछ हफ्ते पहले हुई थी लेकिन कोरोना और उसकी प्रोटोकॉल की वजह से ही शादी में कोई भी वीआईपी शामिल नहीं हुआ था।

बीच का रास्ता निकालने की तैयारी

इस बैठक में बीच का रास्ता निकालने की तैयारी चल रही है। 2017 के चुनाव में बीजेपी सरकार के गठबंधन से लेकर अब तक कई मौकों पर योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच अनबन की खबरें आती रही। 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछड़े वर्ग में अपनी काफी अच्छी पैठ बना ली थी और इसी के सहारे बीजेपी की सरकार भी बने थे।

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मौर्य के साथ 17% ओबीसी वोट बैंक है जिसको बीजेपी गंवाना नहीं चाहती लेकिन योगी के हिंदूवादी चेहरे को भी बीजेपी पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होता है। इसलिए बीजेपी इन दोनों नेताओं को नाराज नहीं करना चाहती है। इसलिए अब यह बीच का रास्ता निकालने की तैयारी हो रही है। 2017 विधानसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य सीएम के प्रबल दावेदार के रूप में थे लेकिन उनको डिप्टी सीएम के पद से संतुष्ट होना पड़ा था।

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