जिस देश में बुलेट ट्रैन के लिए तैयारी चल रही है उस देश में अगर ये खबर आये कि तेज स्पीड से ट्रैन गुजरने की वजह से पूरा रेलवे स्टेशन तास के पत्तो की तरह गिर गया। हमारे देश में घोटलों के वजह से तमाम घटनाये होती है और आम नागरिक और निर्दोष लोगो की जान जाती है। एक बार हादसा ने इस तरह सबका ध्यान खींचा है की किस हद तक लापरवाही और घोटाला हो सकता है।
मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में बीते 26 मई को चांदनी रेलवे स्टेशन पर नए बने एक भवन तेज स्पीड से ट्रैन गुजरने के बाद भरभरा के गिर गया। बताया जा रहा है की यह भवन कुछ दिन पहले ही बना था। और ऐसे में ये बड़ा सवाल है की इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती है। अच्छी बात ये रही की जब भवन गिरा तो कोई कोई भी यात्री मौजूद नहीं था वर्ण एक बड़ा हादसा होने से कोई बचा नहीं सकता था। इस घटना की जानकारी जैसे ही भुसावल रेल मंडल को लगी सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालत का जायजा लिया और जांच करने का निर्देश दिया।
बताया जा रहा है की इस भवन के निर्माण के लिए बेहद घटिया समाग्री का इस्तेमाल हुआ था। चांदनी रेलवे स्टेशन जो नेपानगर से पांच किलोमीटर की दुरी है। शाम 4 बजे पुष्पक एक्सप्रेस गुजरी तो स्टेशन की दीवारे थरथराने लगी और देखते देखते पूरी बिल्डिंग गिर गयी। बताया जा रहा है की ट्रेन की गति महज 110 कम प्रति घंटा थी।
सबसे अच्छी बात है की जिस समय यह हादसा हुआ उस समय ड्यूटी पर तैनात एसएसएम प्रदीप कुमार ट्रेन को हरी झंडी दिखने के लिए कमरे से बाहर आये थे वरना एक बड़ा हादसा हो जाता। ऐसे माना जाता ही की रेलवे के द्वारा किये गए काम हमेशा अच्छे से होता है लेकिन इस भवन ने एक बार फिर घोटले की तरफ इशारा कर रहा है।