ED यानी {DIRECTORATE OF ENFORCEMENT} ने बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी {Bollywood actress Shilpa Shetty} के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा {Raj Kundra} के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बीते साल मुंबई में चर्चा का विषय बना रहा पोर्न रैकेट मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू ED नें कर दी है। ED सूत्रों ने बताया है कि बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति और व्यापारी राज कुंद्रा के खिलाफ ईडी ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया है और अब जांच शुरू कर दी है। बता दें कि साल 2021 में राज कुंद्रा कों मुंबई क्राइम ब्रांच की प्राॅपर्टी सेल ने गिरफ्तार किया था। राज कुंद्रा के खिलाफ आरोप है कि फरवरी 2019 में कुंद्रा नें आर्म्स प्राइम मीडिया लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाई थी और होटशॉट्स (HotShots) नाम क़े ऐप को डेवलप किया था। होटशॉट्स ऐप कों राज कुंद्रा ने यूके बेस्ड फर्म केनरिन (Kenrin) नाम की कंपनी को 25 हजार डॉलर में बेच दिया था. किसी कंपनी के सीईओ प्रदीप बख्शी है जो राज कुंद्रा के जीजा है। जांच में यह भी पता चला था कि इस होटशॉट्स ऐप क़े मेंटेनेंस लिए केनरिन (Kenrin) नाम की कंपनी ने राज कुंद्रा की कंपनी ने राज कुंद्रा की कंपनी विहान से टाई अप किया था और इसी मेंटेनेंस के लिए पैसों का ट्रांजैक्शन विहान कंपनी के बैंक अकाउंट में दिखाई दिया था।
पोर्नोग्राफी के राज कुंद्रा के खिलाफ चल रहा है केस !
मुंबई पुलिस के मुताबिक यह एक एप्लीकेशन पोर्न कंटेंट कों लोगों तक पहुंचाने का काम करता है. इस एप्लीकेशन के पीछे राज कुंद्रा थे और उन्होंने अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए प्लान B भी तैयार किया था। आपको बता दें कि राज कुंद्रा को गिरफ्तार करने से पहले मुंबई पुलिस ने फरवरी में इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि आरोपी पोर्न फिल्में बनाते थे और लोगों को फिल्म और वेब सीरीज में काम दिलाने का वादा करते थे। नई मॉडल और एक्टरों से फिल्मों में रोल निभाने का वादा किया जाता था और उनसे पोर्न फिल्में बनवाई जाती थी। इन पोर्न फिल्मों की शूटिंग किराए के बंगलों में होती थी शूटिंग के दौरान आरोपी अभिनेत्रियों से अलग स्क्रिप्ट के लिए शूटिंग करने के लिए कहते थे और उन्हें न्यू सीन शूट करने के लिए भी कहा जाता था। अगर कोई एक्ट्रेस मना करती थी तो कथित तौर पर उन्हें धमकी दी जाती थी फिल्म शूटिंग का खर्च भी मांगा जाता था। आरोप है कि इन फिल्मों को पर अपलोड किया जाता था यह ऐप सब्सक्रिप्शन आधारित थे स्क्राइबर को कंटेंट देखने के लिए सुनिश्चित पैसे देने पड़ते थे।