कोरोना महामारी पर गठित समिति के प्रमुख वायरोलॉजिस्ट शहीद जमील ने क्यों दिया इस्तीफा ?

देश में हर तरफ कोरोना अब अपने भयावह रूप में है और तबाही मचा रहा है। ऐसे के देश के लिए एक बुरी खबर है। केंद्र सरकार के बनाये वैज्ञानिक समिति के प्रमुख डॉक्टर शहीद जमील ने अपना इस्तीफा दे दिया है। जैसे हमारे देश की परम्परा है उसके हिसाब से अब उनके इस्तीफे पर राजननीति शुरू हो गयी है।

INSACOG संस्था ने केंद्र सरकार को मार्च में ही कोरोना को लेकर रिपोर्ट दे दी थी लेकिन सरकार उस समय चुनाव में व्यस्त थी जिसके वजह से उस पर कोई एक्शन नहीं लिया था।
डॉक्टर जमील ने इस्तीफा देने से एक हफ्ते पहले ही भारत में कोरोना महामारी को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स में दूसरी लहर पर एक लेख लिखा था। उस लेख में उन्होंने बताया था देश के 800 वैज्ञानिकों ने 30 अप्रैल को प्रधानमंत्री से अपील की थी हमें डाटा उपलब्ध कराया जाए ताकि हम इसपर आगे अपना काम का सके। लेकिन डाटा सरकार ने उपलब्ध नहीं कराया।

आगे उन्होंने लिखा है की सरकार को संकट के समय पर ठोस निति बनानी चाहिए थी। उन्होंने आगे कहा की सरकार जो भी निति बनाये उसको वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार बनाना चाहिए लेकिन सरकार ऐस नहीं कर रही है। उन्होंने कहा मुझे ज्ञात है की मेरी पहुंच कहा तक और कहा खत्म होती है ऐसे में हम वैज्ञानिक सरकार को तथ्य ही दे सकते है मगर अंतिम फैसला लेना सरकार का काम है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले साल दिसंबर में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए एक टीम गठित की थी जिसका नाम था INDIAN SARS – COV – 2 CONSORTIUM ON GENOMICS ( INSACOG ) था। इस टीम का मुख्य काम था कोरोना के नए वेरिएंट पर काम करना और इसके जीनोम का अध्यन करना जिसके लिए देश की दस बड़ी लैब को भी इसमें शामिल किया है।

डॉक्टर जमील ने लेख में लिखा था की उनके साथी वैज्ञानिक ने जो सवाल खड़े किये थे उसमे उनको साक्ष्य के आधार पर निति बनाने में उन्हें कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है।

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