केंद्र की टीम ने केरल सरकार पर उठाए, सवाल कहा केरल सरकार ने कोरोना की न गाइडलाइंस मानी न कि कांटेक्ट ट्रेसिंग,कोरोना के मामले बढ़ते रहें सरकार लोगों को डील देती रही।

भारत में कोरोना की दूसरी लहर से पल भर की राहत मिली ही थी कि देश के दक्षिण राज्यों से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। सबसे ज्यादा मामले इस वक्त केरल में मिल रहे हैं। बकरीद के अवसर पर केरल सरकार ने 3 दिन की छूट दे दी थी जिसको लेकर बड़े सवाल खड़े हुए थे। लोग इसको वोट बैंक की राजनीति की वजह से ऐसा फैसला लेने की बात कर रहे थे। उस वक्त भी लोग यह कहते रहे कि केरल सरकार का यह फैसला भारी पड़ने वाला है। उसके बाद ही केरल में मामले लगातार तेजी से बढ़ने लगे।

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केरल में बढ़ते मामले केंद्र सरकार की चिंताएं बढ़ने लगी। इसी बीच केंद्र की एक टीम ने स्वास्थ्य मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी। टीम के द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि केरल ने केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई कोरोना की गाइडलाइंस को अनदेखा किया और यही कारण है कि केरल में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे।

NCDC की टीम को भेजा गया था केरल

केरल में बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए पिछले हफ्ते में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) के 6 सदस्यों की टीम केरल में दौरा करने के लिए भेजा गया था। इस दौरे को पूरा करने के बाद 6 सदस्यों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा गया कि केरल में 90% से ज्यादा मरीज आइसोलेशन में है और वहां किसी भी प्रकार का कोई गाइडलाइंस का पालन नहीं किया जा रहा है। इस रिपोर्ट में कहा गया की इंस्टीट्यूशनल क्वारनटीन का सुझाव दिया गया है।

6 सदस्य टीम ने बताया की अभी 80% से ज्यादा रैपिड एंटीजन टेस्ट ही किए जा रहे हैं। आपको बता दें कि कोरोना के लिए rt-pcr की गाइडलाइन जारी की गई है। NCDC की टीम ने बताया कि के लिए RT-PCR टेस्ट करने की ज्यादा से ज्यादा करने की सलाह दी जाती है लेकिन केरल सरकार सिर्फ रैपिड एंटीजन टेस्ट से काम कर रही है।

NCDC ने अपनी रिपोर्ट में केरल सरकार के लिए क्या लिखा है ?

6 सदस्य टीम यानी NCDC की इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि केरल में किसी भी प्रकार की कोई कांटेक्ट ट्रेसिंग नहीं की जा रही है। केंद्र सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक एक कोरोना संक्रमित मिलने के बाद उसके संपर्क में आए कम से कम 20 लोगों को ट्रेसिंग कर उसकी टेस्टिंग की जानी चाहिए। इस रिपोर्ट में कहा गया कि इस नियम का भी अनदेखा किया जा रहा है और सिर्फ 1.5 लोगों को ही ट्रेस किया जा रहा है। अगर कोई पॉजिटिव आ रहा है उसके परिवार के सदस्यों की ही सिर्फ ट्रेसिंग की जा रही है।

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टीम ने यह भी बताया कि केंद्र की गाइडलाइंस के अंतर्गत कंटेनमेंट और माइक्रो क्लस्टर जोन भी केरल सरकार द्वारा नहीं बनाए जा रहे हैं। उस रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर मामलों में बफर जोन की घेराबंदी नहीं हो रही है और क्लस्टर जोन में भी किसी भी प्रकार की कोई सख्ती नहीं दिखाई जा रही है।

आपको बता दें कि केरल में मंगलवार को 20,000 से नए ज्यादा कोरोना के मामले मिले थे जिसमें 148 मरीजों की मौत हुई थी। पिछले हफ्ते हमने आपको बताया था कि केरल में संक्रमण दर करीब 10% है लेकिन अब वह आंकड़ा 11.48 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

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केरल सरकार लोगो को क्यों दे रही है छूट ?

इतनी तेजी से आकड़े बढ़ने के बावजूद भी सरकार छूट पर छूट लोगों को देती जा रही है। केरल सरकार के तरफ से बुधवार को एक नई गाइडलाइंस जारी की गई जिसमें सरकार ने बताया कि लॉकडाउन को रविवार तक ही सीमित कर दिया गया है। केरल में अब लॉकडाउन सिर्फ रविवार को ही रहेगा, इसके अलावा बाकी सभी दिन कामकाज जारी रहेंगे और दुकान सुबह 7:00 से रात 9:00 बजे तक खोले जाएंगे।

केरल में संक्रमण दर 11.8% पहुंचा

अब आप खुद सोचिए कि केरल सरकार तेजी से बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए भी किसी प्रकार की कोई अतिरिक्त गाइडलाइंस नहीं जारी की और लॉकडाउन के नाम पर सिर्फ रविवार को रखा है। केरल सरकार अभी भी सतर्क नहीं है। केरल सरकार क्या जानबूझकर कोरोना के मामले फैलाने के पीछे लगी है? जिस राज्य में संक्रमण दर 11.8% पहुंच गया हो क्या वहाँ सिर्फ रविवार को लॉकडाउन लगाने से मामला कंट्रोल किया जा सकता है?

सिर्फ रविवार का लॉकडाउन काफी है ?

केरल सरकार बकरीद में गलती की लोगों को छूट दी और अब सिर्फ रविवार को लॉकडाउन करके दोबारा गलती दोहरा रही है। केरल के सरकार को इस बात पर सोचना होगा कि कोरोना के तेजी से बढ़ते मामले को कैसे रोका जा सकता है। क्या तेजी से बढ़ते मामले को रोकने के लिए सिर्फ एक रविवार का लॉकडाउन काफी होगा? केरल सरकार के फैसले पर क्या सोचते हैं हमें नीचे कमेंट में लिखकर जरूर बताइएगा।

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