जबसे केंद्र सरकार ने कृषि कानून को लायी है तबसे किसान इस कानून के विरोध में देश की राजधानी में ये धरना जारी है। किसान लगातार मांग कर रहे है की इस कानून को वापस लिया जाए। केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बिच कई दौर की वार्ता भी हुई लेकिन कोई हल नहीं निकला। केंद्र सरकार इन कानूनों में संसोधन करने को तैयार है मगर किसान इस कानून को रद्द करने कि मांग पर अड़े हुए है।
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राकेश टिकैत कि क्या है मांग ?
ऐसे में किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्विटर पर लिखते हुए सरकार को चेतावनी दिया है कि ” किसान दिल्ली कि सीमाओं को छोड़ने वाला नहीं है , किसान सिर्फ एक ही शर्त पर यहां से लौटेंगे जब तीनों कृषि कानून रद्द होंगे और MSP पर सरकार कानून बनाएगी। ” इसके बाद राकेश टिकैत ने कहा इस आंदोलन में पुरे देश के किसान एकजुट है दवाओं कि तरह हम अनाज कि कालाबाजारी नहीं होने देंगे।
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राकेश टिकैत का सरकार को अल्टीमेटम
राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी देते हए कहा कि सरकार किसानो पर अगर कार्यवाई करने कि कोशिश कि तो यह आंदोलन को हम और तेज कर देंगे। देशभर में कही भी आंदोलित किसानों पर मुकदमा दर्ज किए गए तो इस आंदोलन को देशव्यापी धार दी जाने कि कोशिश होगी। राकेश टिकैत पहले भी सरकार भी चेतावनी देते रहे ही कि बिना कानून रद्द करवाए बगैर किसान दिल्ली से वापस अपने घर नहीं जाएगा। आंदोलन जबतक चलाना पड़ेगा हम आंदोलन को चलने के लिए तैयार है लेकिन कानून रद्द होने से कम पर हम कुछ नहीं चाहते है।
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राकेश टिकैत ने कहा जिस तरह से हम अपने फसलों को सोचते है वैसे ही यह आंदोलन को चलाएंगे समय जरूर लगेगा लेकिन बिना हिंसा का सहारा लिए हमे लड़ते रहना है। राकेश टिकैत ने जब कोरोना काल में कानून सरकार बना सकती है तो रद्द क्यों नहीं कर सकती है। टिकैत ने कहा कि हम किसान चाहते है कि रोटी को तिजोरी का सामान बनाया जाए इसलिए हम सभी किसान आंदोलन कर रहे है। लेकिन सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि किसान अपने घर को लौट जाए मगर सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने में तरफ नहीं है और इसके कारण ये बता पाना कि ये आंदोलन किस तरफ जाएगा ये अब मुश्किल हो गया है। लेकिन बिना कानून रद्द कराये हम किसान अपने घर नहीं जाने वाले है।
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