भारत सरकार ने बैंकों से लेन-देन संबंधित नियमों में कुछ बड़े बदलाव किए हैं. इसके तहत अगर आप बैंकों से 20 लाख रुपए निकालना या जमा कराना चाहते हैं। या फिर से भी ज्यादा का ट्रांजैक्शन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अनिवार्य रूप से अपना पैन कार्ड या आधार कार्ड देना पड़ेगा। इसके अलावा अगर आप बैंक में अपना करंट अकाउंट या चालू खाता खोलना चाहते हैं. तों इसके लिए भी पैन कार्ड या आधार कार्ड को अनिवार्य किया गया है। बताया जा रहा है कि इससे इनकम-टैक्स विभाग को हाईवे न्यू कैश क़े लेन-देन और जमा निकासी की निगरानी करने में आसानी होगी इसके साथ-साथ किसी व्यक्ति के आय से अधिक लेन-देन की भी निगरानी की जा सकेगी। इस संबंध में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस नें एक अधिसूचना जारी की है. जिसमें कहा गया है कि किसी एक वित्त वर्ष में बैंकों से इतनी ज्यादा जमा या या फिर निकासी या फिर बैंक और डाकघर में करंट अकाउंट खोलने के लिए भी पैन कार्ड या आधार कार्ड देना जरूरी होगा।
बैंक का नया रूल… 20 लाख सें ऊपर जमा-निकासी कैसा द्विस्ट !
इस नए नियम के मुताबिक बैंक को सरकारी समितियों और डाकघरों को 1 वित्त वर्ष में कुल 20 लाख रुपए या फिर उससे ज्यादा क़े लेन-देन की रिपोर्ट करनी पड़ेगी। अगर हाल-फिलहाल की बात करें तों बैंकों से 1 दिन में 50 हजार रूपये या फिर उससे ज्यादा की रकम निकालने या जमा करने पर पैन कार्ड देना होता है लेकिन इस नए नियम के तहत पूरे वित्त वर्ष के दौरान 20 लाख रुपए की सीमा पैन कर दी गई है। इसे लेकर फाइनैंशल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तरह के रूल से पैसों की जमा निकासी और वित्तीय लेन-देन की मॉनिटरिंग करने में आसानी होगी। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 194-N के तहत टीडीएस कटौती सें पहले से मौजूद पर्वयू जेंस क़े साथ इन नियमों से जुड़ी कमियों या खामियों कों और सख्त किए जाने की भी संभावना जताई जा रही है।