जब से देश में कोरोना की दूसरी लहर आई है तबसे लोगो ने सरकार पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार को विपक्षी पार्टियों ने भी कटघरे में खड़ा किया। ऐसे में अब संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी मोदी सरकार पर आरोप लगाया और कोरोना की इस मौजूदा परिस्थिति के लिए पूर्ण रूप से सरकार पर सवाल खड़े किये।
मोहन भागवत ने कहा जिस तरह से सरकार और लोगो ने पहली लहर के बाद लापरवाही करनी शुरू कर दी थी जिसके चलते देश में इस तरह के हालत बन हुए है। मोहन भागवत ने आरएसएस के लेक्टर सीरीज पाजिटिविटी अनलिमिटेड में बातचीत के दौरान ये बात कही। उन्होंने कहा हमें अब एस माहौल में अब सकारात्मक रहने की जरूरत है और एस बिमारी से लड़ने की जरूरत है।
मोहन भगवत ने कहा ये समय अब एक दूसरे पर सवाल उठाने का नहीं है। हम सबहि को अब एक साथ मिल कर एस मुसीबत का सामना करना है। उन्होंने आगे कहा की डॉक्टरों ,प्रशासन ,और लोगो की चेतावनियों के बाद भी सरकार गफलत में आ गयी आउटर हमने लापरवाही बरती जिसके वजह से आज माहौल बना है।मोहन भागवत ने तीसरी लहर के लिए कहा की हमें घबराने की जरूरत नहीं है ,हमें सावधानी रखनी है और एस तीसरी लहर के लिए तैयार भी रहना है। हम चट्टानों की तरह मजबूती से इसका मुकाबला करेगें।
भागवत ने कहा हम अगर थक कर हार लेंगे तो हम उस चूहे की तरह है जो साप के आगे हार मान लेता है। जितनी निराशा उतनी ही आशा भी होती है। हमारी अर्थवयवथा पर इसका बुरा असर हो सकता है इसलिए हमें इसकी चुनौती के लिए भी तैयार रहना है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई हम सभी के लिए धैर्य की परीक्षा है।
मोहन भागवत ने इकबाल का एक शायरी बोली और कहा -” कुछ बात है की हस्ती मिटती नहीं हमारी , सदियों रहा है दुश्मन दौर – ए – जमां हमारा। ”
आगे उन्होंने दूसरे विश्वयुद्ध के वक्त का वाक्या बताते हुए कहा की विंस्टन चर्चिल की डेस्क पर एक कोट लिखा हुआ करता था की -” इस ऑफिस में निराशावादियों के लिए कोई जगह नहीं है। हम हार की संभावनाओं में रूचि नहीं रखते है। “