देश जहाँ एक तरफ कोरोना की महामारी से लड़ रहा है वही देश के कुछ लोग अपनी जेब भरने में लगे है। दवाइयों की कालाबाजारी शुरू हो गयी है। और सिर्फ ये आम लोग नहीं इसमें बहुत से नेता भी शामिल है।मोदी जी ने पिछले साल कहा था की हमें आपदा में अवसर तलाश करना है। अब क्या पता था उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री इस बयान को ज्यादा ही गंभीरता से ले लिया है।
यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर सतीश द्विवेदी ने अपने भाई को सिद्धार्थ विश्वविधालय में मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद नियुक्त करवा दिया है। मंत्री के भाई अध्यापक बने ये बड़ी खबर नहीं है। बड़ी खबर ये है की मंत्री के भाई ने EWS कोटे से यह नौकरी पाई है। अब जैसे ही यह खबर आई है तबसे सियासत की हवा तेज से चली है और आग की लपटे फैलाते हुए निकली और इसकी लपट से अब मंत्री जी तक भी पहुंच गयी होंगी।
सोशल मीडिया पर इस नियुक्ति को लेकर लोग तमाम तरह की बाते कर रहे है और मंत्री जी से सवाल भी कर रहे है। लेकिन अब मंत्री से इस नियुक्ति के बाद बुरी तरह से फसते हुए नजर आ रहे है। आम आदमी पार्टी के सांसद और प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह ने मंत्री सतीश को घेरते हुए ट्वीट किया और लिखा की – आदित्यनाथ जी के मंत्री सतीश द्विवेदी जी ये कारनामा है। आगे लिखा की चुनाव में डयटी के दौरान 1621 शिक्षकों की जान चली गयी और मंत्री जी को नहीं मालुम उन्होंने सिर्फ 3 बताया है। लेकिन अपने सगे भाई को EWS कोटे से नौकरी कैसे देनी है वो इनको मालुम है। उन्होंने योगी सरकार निशान लगते हुए लिखा की नौकरी के लिए लाठी कहा रहे यूपी के लाखो युवाओं के लिए यह एक घोर अपमान है।
अब यह देखने वाली बात है की योगी सरकार इस पर कार्यवाही करती है। कही ऐसा तो नहीं अब सरकारी महकमा इसपे कार्यवाही करने के बजाय लीपापोती करेगी।