यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने अपने भाई को EWS कोटे से असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर चयन करवाई थी। अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
बवाल के दिया इस्तीफा
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इस मामले पर जब लोगो ने सरकार पर हमला किया तब इनके भाई ने इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे के बाद भी मंत्री जी कि मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने लगे थे। इस मामला को तूल बनता देख राजभवन ने सम्बंधित विश्वविधालय को तलब किया और जानकारी मांगी।
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पूरा मामला क्या है ?
आपको बताते चले यूपी के मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी का मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन हुआ था। 21 मई को ज्वाइन करने के बाद ही विवाद शुरू हुआ था। अब राजभवन ने जब इस मामले पर जवाब मांगा है तो हलचल होनी ही थी। इस संबंधित विश्वविधालय में कुछ दिनों से हलचल बढ़ गयी है। इस विश्वविधालय के कुलपति सुरेंद्र दुबे ने बताया कि राजभवन को साडी जानकारी भेज दी गयी है।
पत्नी है सरकारी अध्यापक
अगर अरुण द्विवेदी कि बात करे तो इनकी पत्नी कि मासिक सैलरी करीब 70 हजार रूपये है। इसके बाद भी महोदय EWS में आते है। इसके बाद उनकी पत्नी से संपर्क करने कि कोशिश कि गयी तो उनका नंबर बंद आया। 2019 में अरुण का EWS प्रमाणपत्र बना था। और इसके सहारे उन्होंने 2021 में नौकरी ले ली। इस सम्बन्ध में डीएम ने दीपक मीणा ने बताया यह प्रमाणपत्र मार्च 2020 तक ही मान्य था। इसके बावजूद उन्होंने इसके सहारे नौकरी ली।
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इस EWS के बारे में जब लेखपाल से बात कि गयी उन्होंने बताया कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी है उन्होंने कोई रिपोर्ट नहीं लगाई है। जबकि एसडीएम ने बताया कि लेखपाल कुछ भी बोले मगर रिपोर्ट पर हस्ताक्षर उनके ही है।
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