नए सत्र से यूपी के सभी डिग्री कॉलेज और विश्वविधालय में एक समान होंगे पाठ्यक्रम।

उत्तर प्रदेश में 1 जुलाई 2021 से सभी विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेज में नए शैक्षिणक सत्र शुरू होने वाला है। ऐसे में सभी छात्रों को नए शैक्षणिक सत्र में एक समान पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा।उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर अपनी बोर्ड ऑफ़ स्टडीज से इसको पास करवा कर 8 जून तक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है।

अब नए सत्र से सभी विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में छात्रों को 70 % कोर्स एक समान पढ़ाया जाएगा और बाकी के 30 % कोर्स विश्वविधालय अपने अनुसार अपने स्तर पर निर्धारित करेंगे। इस 30 % पाठ्यक्रम में क्षेत्रीय कला , संस्कृति और इतिहास आदि को शामिल किया जा सकता है। उच्च शिक्षा विभाग ने विशेष सचिव श्रवण कुमार ने सभी विश्वविधालय के रजिस्ट्रार को पत्र भेज दिया गया है। सभी विश्वविधालय की बोर्ड ऑफ़ स्टडीज को भी निर्धारित तारीख दी गयी है। कहबर के मुताबिक सभी विश्वविद्यालयों के बोर्ड ऑफ़ स्टडीज की बैठक 26 मई को करेंगे। और इसकी रिपोर्ट 8 जून तक उच्च शिक्षा विभाग को भेजना जरूरी है।

लुआक्टा के अध्यक्ष डॉक्टर मनोज पांडेय के साथ अन्य शिक्षक नेताओ ने इस नए सत्र से शुरू से एक सामान पाठ्यक्रम लागु करने वाले आदेश का विरोध करना शुरू कर दिया है। इन सही ने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा को पत्र लिखा है और इसको लागु न करने की गुहार लगाई है। उनका कहना है की विश्वविधालय को जो आजादी थी अपने पाठ्यक्रम को पढ़ाने की वो आजादी अब छीन जायेगी।

वही दूसरी तरफ शासन ने जवाब देते हुए बताया की जब पाठ्यक्रम एक जैसा हो जाएगा तो पुरे प्रदेश में एकरूपता आयेगी। अगर किसी छात्र के अभिभावक का ड्यूटी के लिए तबादला होता है तो इस परिस्थिति में छात्रों को दिक्कत नहीं होगी। क्योकि अगर किसी छात्र को विश्वविधालय में ट्रांसफर करवाता है तो कम से कम 60 % तक कोर्स का एक समान होना जरूरी है।

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