कोरोना संक्रमण से मारे गए लोगों के परिजनों को केंद्र सरकार ने ₹4 लाख का मुआवजा देने से साफ इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत पर उनके परिजनों को ₹4 लाख देने की याचिका दायर हुई थी, जिस पर केंद्र सरकार ने अपना हलफनामा दायर की। केंद्र सरकार ने अपने इस हलफनामा में जानकारी दी कि अगर हम मृतकों के परिजनों को ₹4 लाख मुआवजा देने लगे तो एसडीआरएफ का सारा पैसा उधर ही खर्च हो जाएगा।
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत दायर हुई याचिका
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आपको बता दें कोरोना से होने वाली मौतों पर ₹4 लाख मुआवजा देने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने बताया की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और 2015 के नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की तरफ से जारी की गई गाइडलाइंस के अनुसार मरने वालों लोगों को ₹4 लाख मुआवजा देने की बात है। केंद्र सरकार ने इस पर अपना जवाब देते हुए कहा यह नियम भूकंप और बाढ़ जैसी परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं पर लागू होता है।
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सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि अगर हम कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को ₹4 लाख मुआवजा देते हैं तो स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड का सारा पैसा खर्च हो जाएगा। केंद्र की ओर से कहा गया कि अगर हम सारा पैसा कोविड़ से मरने वाले लोगों को मुआवजा देने में खर्च कर देंगे तो तूफान, बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के लिए हमारे पास फंड की कमी हो जाएगी।
हेल्थ वर्कर को दिया जा रहा है बिमा कवर
सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा इस महामारी के दौर में सरकार को भी पैसे की जरूरत है। इस हलफनामे में कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि 2019-20 से एसडीआरएफ के जरिए राज्य सरकार ज्यादा से ज्यादा 35% फंड इस्तेमाल कर सकती है लेकिन महामारी के दौर में 2020- 21 में इसको 35% से बढ़ाकर 50% कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि 22.12 लाख हेल्थ केयर वर्कर्स को ₹50 लाख का बीमा कवर दिया जा रहा है। इसके लिए बीमा कंपनियों को 44 2.4 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए।
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केंद्र सरकार द्वारा दायर एक हलफनामे के अनुसार नेशनल हेल्थ मिशन के जरिए कोरोना से निपटने के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को 2019-20 में करीब 1,113.21 करोड़ रुपए अतिरिक्त आवंटित किए जा चुके हैं जबकि कोविड-19 इमरजेंसी रिस्पांस और हेल्थ सिस्टम प्रीपरेड के लिए केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों को 8,257.89 करोड रुपए दिए जा चुके हैं।
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डेथ सर्टिफिकेट पर क्या है नियम ?
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से डेथ सर्टिफिकेट को लेकर पूछी क्या कोई गाइडलाइंस है क्योंकि डेट सर्टिफिकेट में मौत का कारण भी दर्ज नहीं किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने बताया मई 2021 में रजिस्ट्रार जनरल की ओर से डेथ सर्टिफिकेट को लेकर नई गाइडलाइन जारी हुई जिसके तहत मौत के 21 दिन के भीतर सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है।
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