बसपा पार्टी की अध्यक्ष मायावती के आदेशानुसार विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर को पार्टी से निष्काषित कर दिया गया है। विधायक गुडू जमाली को विधानमंडल दाल का नेता बनाया गया है। उत्तर प्रदेश में आने वाले साल में विधानसभा का चुनाव होना है। चुनाव से पहले ही बसपा ने अपने दो नेताओ को पार्टी से निकाल दिया है।
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खबर है की विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा को सिर्फ पद से नहीं हटाया गया बल्कि उनको पार्टी से भी बाहर निकाल दिया गया है। लालजी वर्मा के जगह पर अम्बेडकर नगर के मुबारकपुर से विधायक गुड्डू जमाली को विधानमंडल दल का न्य नेता चुन लिया गया है। बसपा ने बकायदा प्रेस नोट जारी करते हुए जानकारी दी की विधायक और पूर्व अध्यक्ष राम अचल राजभर को भी पार्टी ने निकालने का आदेश दिया है।
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पंचायत चुनाव में पार्टी के खिलाफ गतिविधिओ का हवाल देते हुए उनको पार्टी से निष्काषित करने का आदेश हुआ है।उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बसपा भी अब पुरे एक्शन में आ गयी है। पिछले कुछ दिन पहले भी पार्टी ने लखनऊ समेत 6 जिलों के जिलाध्यक्ष बदल दिए गए है। मायावती ने एलान किया है की आगामी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के चुनाव में किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
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बताते चले की 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने सपा के साथ हाथ मिलाया था। दोनों पार्टी मिलकर मोदी की लहर को रोकने की कोशिश करने में थे। लेकिन मोदी की आंधी ने इन दोनो के हाथ कमजोर कर दिए। लेकिन इस गठबंधन से बसपा को ज्यादा फायदा हुआ था। बसपा 2014 में एक भी सीट नहीं जीती थी लेकिन 2019 में 10 सीटे बसपा के खाते में आयी थी।