इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (ALLAHABAD UNIVERSITY )में कल मुशायरा का कार्यक्रम रखा गया था। हालांकि मुशायरे का कार्यक्रम कोई ज्यादा खास खबरों वाला नहीं होता है लेकिन यह मुशायरा खबर बन गया। इस मुशायरे का खबर बनने के पीछे भी एक बड़ी कहानी। या यूं कहें कि इसके पीछे सिर्फ कहानी ही नहीं राजनीति भी है। ALLAHABAD UNIVERSITY में आयोजित मुशायरा का कार्यक्रम शुरू होने के कुछ मिनट पहले रद्द कर दिया गया।
CAA के चलते रद्द हुआ ALLAHABAD UNIVERSITY में कार्यक्रम
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इस मुशायरे के रद्द होने के पीछे का कारण CAA आंदोलन कहा जा रहा है। बताया जा रहा है की इस मुशायरे में जिन शायरों को बुलाया गया था वे आंदोलन के दौरान शाहीन बाग में शामिल थे। जैसे ही इसका पता लोगों को चला सोशल मीडिया पर मुशायरे को लेकर बातें कहीं जाने लगी और देखते ही देखते मामला तूल पकड़ लेता है। मामले की गर्माहट को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्यक्रम शुरू होने के कुछ मिनट पहले रद्द करने का फैसला कर देता है।
ALLAHABAD UNIVERSITY में मनाया जाना था अमृत महोत्सव
आपको बता दें इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (ALLAHABAD UNIVERSITY) में शुक्रवार को आजादी की सालगिरह में अमृत महोत्सव मनाने के लिए शाम को मुशायरे का कार्यक्रम रखा गया था। मुशायरा शुरू होने से चंद मिनट पहले ही रद्द करने का फैसला कर लिया जाता है। आपको बता दें इस मुशायरे में कई शायरों को शामिल होना था, जिसमें शबीना अदीम और हाशिम फिरोजाबादी को बुलाया गया था। पिछले साल चल रहे शाहीन बाग आंदोलन में यह दोनों शायर शामिल थे। इन दोनों ने प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की थी और अन्य सरकारों के खिलाफ भी विवादित टिप्पणियां किए थे।
सोशल मीडिया पर शुरू हुआ था विरोध प्रदर्शन
इन दोनों शायरों के बुलाने की खबर जैसे ही लोगों को पता चली लोग सोशल मीडिया पर इसका विरोध करना शुरू कर दिए। विरोध इतना बढ़ गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन (ALLAHABAD UNIVERSITY) को इस कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा। इस कार्यक्रम में जिन मुख्य अतिथियों को बुलाया गया था वह सभी इस कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर दिए।
इस कार्यक्रम में अतिथियों ने आने से किया था मना
इस मुशायरे की शाम में मुख्य अतिथि के रुप में प्रयागराज के कमिश्नर संजय गोयल को आमंत्रित किया गया था लेकिन उन्होंने इस कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार कर दिया था। सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने भी इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करने से इंकार कर दी थी। जब इन लोगों ने कार्यक्रम में शरीक होने से मना किया तो ऐसे में औपचारिक शुरुआत से पहले सैकड़ों की भीड़ के बीच इस कार्यक्रम को रद्द करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प प्रशासन के पास नहीं था।
इस मुशायरे की शाम में किन किन शायरों को किया गया था आमंत्रित ?
इस मुशायरे की शाम में जो अब विवादित मुशायरा के नाम से जाना जाएगा इसमें ताहिर फराज, भूषण त्यागी, इकबाल असर, पापुलर मेरठी, भालचंद्र त्रिपाठी, कलीम कैंसर और मोहिन शादाब भी आमंत्रित थे। ALLAHABAD UNIVERSITY द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के हॉल में आयोजित होना था। इस कार्यक्रम को इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (ALLAHABAD UNIVERSITY) का उर्दू डिपार्टमेंट, उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी और यूनिवर्सिटी की केंद्रीय सांस्कृतिक समिति मिलकर आयोजित करा रहे थे।
इस मुशायरे के रद्द होने के बाद से ही अब धीरे-धीरे यह मामला खबर बन गया और खबर बनने के बाद हर चैनलों और समाचार पत्रों में दिख रहा है। CAA आंदोलन के दौरान हमने देखा था कि देश के तमाम बड़े अभिनेता और अन्य लोग इसलिए आंदोलन के साथ खड़े होने की बात कर रहे थे। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी (ALLAHABAD UNIVERSITY) में आयोजित कार्यक्रम सिर्फ आंदोलन और शाहीन बाग के कारण रद्द किया गया है लेकिन ALLAHABAD UNIVERSITY की तरफ से अब तक इस पर कोई जानकारी नहीं दी गई है कि यह आयोजन CAA के चलते रद्द किया गया है।
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