पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के अंर्तगत कोरोना महामारी के चलते जिन बच्चों ने अपने माँ – बाप दोनों को खो दिया है उनको आर्थिक मदद करने के लिए सरकार ने अहम फैसला लिया है। इसके साथ ही मोदी सरकार ने योजना बनाई है कि ऐसे बच्चों को 18 साल कि उम्र में मासिक सहायता राशि प्रदान कि जाएगी और 23 साल कि उम्र में पीएम केयर्स से दस लाख रूपये कि फंड देने का प्रावधान भी सरकार ने किया है।
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मोदी सरकार ने कहा कि इस कोरोना के वजह से बहुत से बच्चों ने अपने माँ – बाप दोनों खो दिया है ऐसे में अब उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है इसलिए अब सरकार उनकी देखभाल करेगी। कुछ ऐसे भी बच्चे है जिनके परिवार का एक भी सदस्य अब नहीं बचा है ऐसे में अब सरकार उनकी जिम्मेदारी उठाएगी।
मोदी सरकार कि नई पहल
पीएम मोदी कि तरफ से यह नई पहल शुरू कि गयी है जो कबीले तारीफ है लेकिन इसपर भी विपक्ष कि पार्टिया राजनीति जरूर करेगी। मोदी सरकारने कहा कि इन सभी बच्चों कि शिक्षा मुफ्त रहेगी , उच्च शिक्षा के लिए इन छात्रों को लोन दिया जाएगा जिसका व्याज पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा। जो बच्चे कोरोना के वजह से अनाथ हुए है उनको आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख तक कि स्वास्थ्य बिमा भी मिलेगा और इसके जो भी प्रीमियम होगा वो पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि देश का भविष्य ये बच्चे है और इसलिए इन बच्चों के सहायता के लिए हम सबकुछ करेंगे। यह हमारा कर्तव्य भी है कि हम इन बच्चों का ख्याल रखे और इनके उज्ज्वल भविष्य के लिए काम करना भी हमारी नैतिक और समाजिक जिम्मेदारी है।
केजरीवाल ने भी किया है ऐलान
कुछ दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने एलान किया था कि जो बच्चे अपने माता -पिता को इस महामारी में खो चुके है जिनके घर में अब कोई कमाने वाला नहीं है ऐसे बच्चों और बुजर्गो कि मदद अब हमारी सरकार करेगी। जिन बच्चों ने अपने माता – पिता को खो दिया है उन सभी बच्चों से मैं इतना कहना चाहता हूँ कि बच्चों आप चिंता मत करना ,” मैं हूँ न “।
मोदी सरकारने इन बड़े बड़े एलानो को तो आज कर दिया है लेकिन सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती होगी इस एलान कि धरातल पर लागू करने कि क्योकि अधिकारी इसको सिर्फ कागजों पर ही करेंगे और ऐसे में किसी का भला नहीं होगा इसलिए सरकार को इस एलान को लेकर गंभीर होना जरूरी है और अच्छे अधिकारीयों कि टीम बना कर इस योजना को जरूरतमंद तक पहुंचना आवश्यक है वर्ण नेता और अधिकारी ही इसको खा जायेगे।
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