केंद्र सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) की पूर्व संध्या पर लड़कियों के लिए एक बड़ी स्कीम की शुरुआत की है। केंद्र सरकार लड़कियों के लिए कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव योजना (Girl Education Entrance Festival Scheme) की शुरुआत करने की पहल की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से देशभर में स्कूलों को छोड़ चुकी लड़कियों को एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था से जुड़ने की पहल इस योजना के जरिये शुरू करने का फैसला किया है।
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International Women’s Day पर लड़कियों को सरकार ने दिया तोहफा
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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदेवर पांडे के मुताबिक सिर्फ चार लाख विद्यालयों में न जाने वाली लड़कियां ही आंगनबाड़ियों में पोषण, शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों में हिस्सा ले रही हैं। कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव योजना को शिक्षा मंत्रालय के साझेदारी के साथ महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के द्वारा शुरू किया जा रहा है। जबसे शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ है उसके बाद से सरकार की कोशिश रही है कि स्कूल न जाने वाली उन तमाम लड़कियों को एक बार फिर शिक्षा प्रणालियों में वापस लाया जाए।
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कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव योजना में किसको किया जाएगा शामिल ?
2018-19 की बात करें तो एसएजी योजना (Scheme for Adolescent Girls) के तहत सिर्फ 11.88 लाख लड़कियां ही लाभार्थी थी, लेकिन इनकी संख्या 2021 में घटकर 5.03 लाख हो गई। इस नई योजना के तहत सक्षम आंगनबाड़ी के केवल 14 से 18 साल की लड़कियां ही शामिल होंगी। 11 से 14 वर्ष की लड़कियां नई स्कूली शिक्षा में आंगनबाड़ी प्रणाली में शामिल नहीं की जाएंगी।
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लड़कियों को सामान्य रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलना सरकार की प्राथमिकता
इंदेवर पांडे ने बताया कि थोड़े ही समय के साथ हम एक बेहतर परिस्थिति में पहुंच जाएंगे जहां स्कूल को छोड़ चुकी लड़कियां एक बार फिर औपचारिक तरीके से स्कूली शिक्षा प्रणाली में शामिल होने में सफल होंगी। पांडे ने उम्मीद जताते हुए बताया कि लड़कों और लड़कियों को सामान्य रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलना सरकार की प्राथमिकता है और इस पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं और इसके लिए हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं कि देश का कोई भी बच्चा विशेष रूप से देश की लड़कियां किसी भी कारण से शिक्षा के अधिकार से वंचित ना रहे।
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