ट्रांसजेडर शिवलक्ष्मी कि कहानी : मैंने (ट्रांसजेडर शिवलक्ष्मी ) कभी सोचा नहीं था कि किसी घर में मेरा बहु की तरह की तरह स्वागत होगा, या कोई पत्नी के रूप में स्वीकार करेंगा। लेकिन आज अपने पति के घर में एक बहु, एक भाभी,और एक बहन के रिश्तो के पल को खुशी-खुशी अनुभव कर रही हूँ। मेरे पति मेरे साथ कभी ट्रांसजेडर की तरह बर्ताव नहीं करते है। उन्होंने अपने घर में मेरा स्वागत देवी लक्ष्मी के रूप में किया हलाकि मेरा नाम शिवलक्ष्मी है। वो मुझे सिर्फ लक्ष्मी बुलाते है।
दूल्हा 26 तो दुल्हन कि उम्र 30
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महाराष्ट्र के मारवाड़ जिले में संजय और शिवलक्ष्मी ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ शादी की है। दूल्हे की उम्र 26 साल है जबकि दुल्हन की उम्र 30 साल हैं। दोनों तरफ के परिवार धार्मिक सोच रखते हैं। लेकिन वो शादी के लिए तैयार हो गए। नए घर में शिवलक्ष्मी का स्वागत बहु के रूप में किया गया है।
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शिवलक्ष्मी की सास चुनाव में आपको ट्रांसजेडर लोगों के वोट की जरूरत होती है। तो हम उन्हें अपने में से एक की तरह स्वीकार क्यों नहीं कर सकते और क्यों उनके साथ हस नहीं सकते, खा नहीं सकते, इसलिए मैंने ये नयाअंदाज करने का फैसला किया कि लोग क्या कहेंगे, अपने घर में उसका बहू के रूप में स्वागत किया।
दाहिने पैर से चावल गिरा कर किया गृह प्रवेश
परंपरा के मुताबिक उसने अपने दाहिने पैर से चावल का बर्तन गिरा कर हमारे घर की दहलीज को पार किया। शिवलक्ष्मी ट्रांसजेडर है इसलिए 25 साल की उम्र तक वो सागर नाम के पुरुष के रूप में जी रहे थी। उन्हें बचपन से ही डांस का शौक था। उन्होंने अपनी इस कला को और निखारा उनका शरीर पुरुष का था लेकिन अंदर से वो खुद को एक औरत की तरह महसूस करती थी। यह सफर आसान नहीं था। पुरुषों को अजीब लगती थी। मेरे लिए छक्का, मामू रिवर्स जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था।
2017 में हुई थी सर्जरी
वो मुझ पर हंसते थे। मेरी सोच धार्मिक है इसलिए मैं वैसे ही सोच वाले लोगों के संपर्क में आई। उनके साथ मै अपने अंदर बदलाव महसूस कर पाई तब मुझे एहसास हुआ कि एक औरत की जिंदगी जीने में ज्यादा सहज रहूंगी। इस नई उम्मीद के साथ 2017 में ट्रांसजेडर सर्जरी करवाई। मेरा परिवार मुझे पहले ही स्वीकार कर चुका है। और 18 अगस्त 2020 से मैंने साड़ी पहननी शुरू कर दी। एक औरत के तौर पर अपने सफर की शुरुआत की।
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जब एक पुरुष साड़ी पहनता है और सार्वजनिक जगहों पर जाता है। तो वो आम महिला से ज्यादा बुरे बर्ताव का सामना करता है। जब हम समाज की बात करते हैं तो हम भूल जाते हैं कि समाज की शुरुआत घर से होती हैं। इसलिए जब परिवार ट्रांसजेडर को स्वीकार कर लेता हैं तो समाज भी स्वीकार कर लेता है, परिवार ही समाज है।
सोशल मीडिया पर है पॉपुलर
वो सोशल मीडिया पर पॉपुलर है। उनका अकाउंट शिवलक्ष्मी आई साहब के नाम से है। संजय टिक टोक, इंस्टाग्राम, और फेसबुक फॉलो करते है। उन्होंने सोशल मिडिया के जरिए शिवलक्ष्मी से बात की और उनसे प्यार करने लगे। दोनों डेट करने लगे आखिरकार संजय ने उन्हें शादी के लिए प्रपोज कर दिया। संजय शिव लक्ष्मी के पति उसने कभी ये बात नहीं छुपाई कि ट्रांसजेडर है। वो सोशल मीडिया पर इस बारे में खुलकर बोलती थी इसलिए मुझे उनका स्वभाव पसंद आया।
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