FIR दर्ज करने का आदेश
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उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन हुआ था। इस आयोजन के दौरान कोरोना की टेस्टिंग के आदेश दिए गए थे। इस कुंभ मेला के दौरान फर्जी कोविड टेस्टिंग का एक मामला सामने आया है। सुबोध उनियाल ने बुधवार को बताया कि सरकार ने कुंभ के दौरान किए गए कोरोना टेस्टिंग में फर्जीवाड़े के लिए हरिद्वार जिला प्रशासन को इस मामले में एफ आई आर दर्ज करने का आदेश दे दिया है। इस मामले के अंतर्गत कोविड टेस्ट कराने की जिम्मेदारी मैक्स के खिलाफ दर्ज किया जाएगा।
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जांच में मिला कागजों पर है कंपनी
आपको बता दें कुंभ मेला के दौरान कोविड टेस्टिंग की पूरी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग ने मैक्स कारपोरेट नाम की कंपनी को दिया था। अब पता चला है कि जिस कंपनी को स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना टेस्टिंग की जिम्मेदारी दी थी वह कंपनी फर्जी है और सिर्फ कागजों पर ही चल रही है। जांच के दौरान पाया गया कि इस कंपनी का ना तो कोई ऑफिस मिला और नहीं जांच के लिए किसी लैब में सैंपल गए। मेला के स्वास्थ्य अधिकारी ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच करने के लिए समिति गठित की है।
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मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अर्जुन सिंह सेंगर ने बताया एक निजी लैब के साथ एमओयू किया गया था। उन्होंने बताया दिल्ली की लालचंदानी और हिसार कि नालवा लैब के साथ थर्ड पार्टी की एमओयू की गई थी। इस मामले पर जब हरिद्वार जिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया जांच में निजी लैब के द्वारा कई स्तरों पर गलतियां पाई गई हैं।
अन्य राज्यों के डाटा बेस का हुआ इस्तेमाल
इस पूरे मामले में टेस्ट के रिजल्ट को दिखाने के लिए दूसरे राज्यों के डेटाबेस को इस्तेमाल किया जा रहा था। इस टेस्टिंग में एक ही आईडी पर कई बार सैंपल लेने का भी मामला दिखा है। एक लैब में इतने कम समय में इतनी भारी संख्या में सैंपल के जांच कैसे किए जाएंगे इस पर भी सवाल खड़े होते हैं।
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एक ही परिवार के 500 लोगों के सैंपल कैसे लिए गए
सबसे बेहद चौंकाने वाला मामला तब सामने आया जब हाउस नंबर 5 के एक करीब 530 लोगों के सैंपल लिए गए। जिसके बाद अधिकारियों के कान खड़े हो गए और सोचने पर मजबूर हो गए कि एक ही परिवार में 500 लोग कैसे रह सकते हैं। फोन नंबर भी जो मिले वह नंबर भी अन्य राज्यों और शहरों के थे जिसमें कानपुर, मुंबई ,अहमदाबाद के नंबर थे। आपको बता दें हरिद्वार में 1 से 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुंभ मेला का आयोजन किया गया था। इस मेले के आयोजन में 22 प्राइवेट लैब्स और नो एजेंसियों की तरफ से लगभग 4 लाख कोरोना टेस्ट किए गए हैं।
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