मोदी – शाह का जम्मू कश्मीर पर मंथन : दिल और दिल्ली की दुरी को कम करने की कवायद।

देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर के 8 दलों और 14 नेताओं के साथ आज दिल्ली में करीब 3 घंटे की बैठक की। यह बैठक दिल्ली में पीएम आवास पर हुई। इस बैठक में माध्यम से मोदी ने एक सन्देश देने की कोशिश की। मोदी का वो सन्देश था की जम्मू कश्मीर से दिल्ली और दिल की दुरी कम होगी। पीएम मोदी से कहा की परिसीमन के बाद जल्द ही विधानसभा चुनाव करए जा सकते है। मोदी ने सभी नेताओं से अनुरोध किया की वो भी इस प्रक्रिया में शामिल में हो।

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सूत्रों के अनुसार आई खबर के मुताबिक पीएम मोदी ने कहा हमारे राजनितिक मतभेद जरूर होंगे लेकिन हम सभी को मिलकर राष्ट्रहित में काम करने की जरूरत है। इससे जम्मू कश्मीर के लोगों को लाभ होगा। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा की हमे जम्मू कश्मीर के सभी लोगों के लिए सुरक्षा और सुरक्षा का माहौल बनाने और इसको सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

जम्मू कश्मीर

एक मीटिंग से न दिल की दुरी कम होगी न दिल्ली की

नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा की हम धारा 370 पर अपनी लड़ाई अदालत में जारी रखेंगे। उन्होंने ने पीएम से कहा की जम्मू कश्मीर और केंद्र के बीच में विश्वास को फिर से कायम करने की जिम्मेदारी आपको निभानी होगी। उन्होंने की जम्मू कश्मीर के लोग इस यूनियन टेरेटरी के दर्जे से खुश नहीं है। उमर अबुद्ल्ला ने कहा पीएम मोदी दिल और दिल्ली की दुरी कम करना चाहते है जो एक मुलाकात में कभी कम नहीं हो सकती। एक मीटिंग से न दिल की दुरी कम होगी न दिल्ली की। इस एक मीटिंग में इस बात का उम्मीद लगाना बिलकुल गलत है।

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उमर ने पीएम से कहा की जम्मू कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए। उन्होंने ये भी कहा की परिसीमन की कोई जरूरत नहीं है। जम्मू कश्मीर के लोगो को अपनी सरकार चुनने का अधिकार होना चाहिए। इस सवाल पर मोदी और अमित शाह ने कहा की हम भी जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना चाहते है और चुनाव भी करवाना चाहते है।

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हर मसले पर हुई विस्तार से चर्चा 

जम्मू कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा के नेता कविंदर गुप्ता ने कहा जम्मू कश्मीर के हर मसले पर विस्तार से चर्चा हुई है। उन्होंने कहा की मुझे उम्मीद है की जल्दी ही परिसीमन के बाद चुनाव करए जायेगे। गुप्ता ने बताया की मोदी ने पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने वाली मांग पर सभी नेताओं को भरोसा दिलाया है। जम्मू कश्मीर में विकास के काम करेंगे इसके लिए भी पीएम मोदी ने सभी नेताओं को भरोसा दिलाया है।

कांग्रेस के नेता गुलाब नबी आजाद ने भी इस मीटिंग में अपनी 5 मांगे रखी है।

पहली मांग – जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा जल्दी दिया जाए। उन्होंने ने कहा की सदन के अंदर गृह मंत्री जी हमे आश्वासन दिया था की समय आने पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। गुलाब जी ने तर्क देते हुए कहा की अभी शांति है और इससे ज्यादा अनुकूल समय कोई और नहीं हो सकता।

दूसरी मांग – अगर आप लोकतंत्र की मजूबती की वकालत करते है तो पंचायत चुनाव और जिला परिषद के चुनाव हुए है इसलिए अब विधान सभा के चुनाव भी जल्द हो जाने चाहिए।

तीसरी मांग – उन्होंने कहा की केंद्र सरकार हमे गारंटी दे की हमारी जमीन और रोजगार की सुविधा हमारे पास रहे।

चौथी मांग – कश्मीरी पंडित बीते 30 सालों से जम्मू कश्मीर के बाहर है। उन्हें वापस लाने और उनका पनर्वास कराये जाने की जिम्मेदारी जम्मू कश्मीर के हर दल की है।

पांचवी मांग – 5 अगस्त 2019 को जब राज्य को दो हिस्से में बाटा गया था तब हमने इसका विरोध किया था।

इस बैठक के बाद लोग उम्मीद जता रहे है की जम्मू कश्मीर से राजनितिक गतिरोध खत्म करने और चुनाव को लेकर कोई रोडमैप तैयार करने की कोशिश की गयी होगी। आपको बता दे पीएम मोदी के इस बैठक से पहले चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर के सभी 20 उपायुक्तों से विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्गठन और 7 नई सीटों को बनाने पर भी वार्तालाप किया था। दूसरी तरफ कश्मीर के नेताओ के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी पार्टी मुख्यालय पर अहम मीटिंग कि जिसमे रविंद्र रैना , जितेंद्र सिंह , निर्मल सिंह , कवीन्द्र गुप्ता शामिल थे।

पीएम मोदी के बैठक में साथ कौन – कौन से नेता रहे शामिल ?

महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला , उमर अब्दुल्ला , सज्जाद लोन , रविंदर रैना , कविंदर गुप्ता , गुलाम नबी आजाद , निर्मल सिंह , एमवाई तारिगामी , गुलाम अहमद मीर , तारा चंद , भीम सिंह , मुजफ्फर बेग आदि नेता शामिल रहे। 

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