उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। इस विधानसभा चुनाव को लेकर के सभी पार्टियां अपनी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी में कुछ हलचल सी दिखाई दे रही है। पिछले कई दिनों से बीजेपी के आलाकमान और नेता बैठक पर बैठक कर रहे हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर कयासों के बाजार गर्म हो गए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज दिल्ली पहुंच रहे हैं।
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दिल्ली पहुंचे योगी आदित्यनाथ
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खबरों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ दिल्ली में केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे। योगी आदित्यनाथ की रात आज दिल्ली में गुजरेगी। खबरों के अनुसार योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने वाले है। इस मुलाकात को लेकर के कई सारे राजनीतिक मायने निकाले जा सकते हैं।
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विधानसभा चुनाव पर होगा मंथन
इस बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव को लेकर के रणनीति भी बनाने की तैयारी होगी। यूपी संगठन और मंत्रिमंडल के विस्तार पर भी चर्चा किया जा सकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ कल देर रात बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन मंत्री सुनील बंसल के साथ मुलाकात करते हैं। जब इस बैठक पर सरकार से पूछा गया तो सरकार ने कहा कि हर महीने की तरह होने वाली एक रूटीन बैठक थी।
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उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली से लखनऊ तक तैयारियां और चुनावी मंथन होने लगी है। चुनाव से पहले बीजेपी में खींचतान की खबरें सामने आ रही हैं। इस खींचतान की मुख्य वजह सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी ए के शर्मा को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने को बताया जा रहा है। इस खींचतान को लेकर के आर एस एस के नेताओं ने भी लखनऊ में मंथन किया।
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एके शर्मा को लेकर भी होगी चर्चा
कुछ लोगों को कहना है कि ए के शर्मा को लेकर दिल्ली दरबार और यूपी दरबार के बीच सामंजस्य भी नहीं बैठा पा रहा है। लखनऊ में बीजेपी और आरएसएस के नेताओं के बीच बैठक के बाद दिल्ली में पीएम मोदी की अगुवाई में भी एक बैठक हुई। जब दिल्ली में पीएम मोदी बैठक कर रहे थे उसी समय लखनऊ में यूपी बीजेपी प्रभारी राधामोहन सिंह ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण सिंह दीक्षित से भी बैठक की । इसी बैठक के बाद से अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंटरव्यू में केंद्रीय राजनीति की महत्वाकांक्षा और मंत्रिमंडल विस्तार या नेतृत्व परिवर्तन को लेकर के इस बयान को पूर्णरूप से खारिज कर दिया है।
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