सुप्रीम कोर्ट ने अपनाया कड़ा रुख : सभी बोर्ड 10 दिन के अंदर 12वीं की मूल्यांकन नीति बताएं, नतीजे 31 जुलाई तक करें घोषित।

राज्य शिक्षा बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के सभी बोर्ड को इम्तहान के कार्यक्रम में एकरूपता लाने के लिए दायर की गई याचिका पर कोई भी आदेश देने से साफ इनकार किया। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही परीक्षा कराने की तैयारी कर रहे आंध्र प्रदेश सरकार से कई सवाल पूछ डालें।

10 दिन के अंतर बताये अपनी निति

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य बोर्ड को कड़ा आदेश देते हुए कहा कि 10 दिन के अंदर 12वीं क्लास की मूल्यांकन नीति बताएं और 31 जुलाई तक हर हाल में नतीजे घोषित हो जाने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य और उनके बोर्ड अपनी नीति बनाने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र और स्वायत्त हैं इसलिए उनके अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं दिया जाएगा।

यह भी पढ़े : उज्जैन में डेल्टा प्लस वेरिएंट से पहली मौत की पुष्टि।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछे आंध्र प्रदेश सरकार से कई सवाल

दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से कड़ा सवाल पूछा। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से पूछा कि वह सामाजिक और शारीरिक दूरी के सिद्धांतों का पालन करते हुए हर एक परीक्षा कक्ष में 15 से 20 छात्रों को बैठाने का इंतजाम कैसे कर पाएंगे?

कमरों का कैसे करेंगे इंतजाम ?

आंध्र प्रदेश के हलफनामे के हवाले से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अकेले आपके यहां कुल परीक्षार्थियों के लिए कम से कम 34,600 कमरों की आवश्यकता होगी आप इसका इंतजाम कैसे कर पाएंगे? SC के जस्टिस खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने आंध्रप्रदेश से यह सारे सवाल पूछे। इन्होंने आंध्र प्रदेश सरकार से कहा कि आपने जुलाई के आखिरी हफ्ते में इम्तिहान आयोजित करने की बात कही है। अव्वल तो स्थिति अनिश्चित है। आप एग्जाम करा भी लिए तो नतीजे कब तक आ पाएंगे? देश विदेश के विश्वविद्यालय आपके नतीजों का इंतजार करेंगे क्या?

यह भी पढ़े : बच्चों के टीकाकरण को लेकर एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का बड़ा बयान। सितंबर अक्टूबर तक शुरू हो सकता है बच्चों के लिए टीका का अभियान।

वेंटिलेशन का उचित इंतजाम कैसे होगा ?

आंध्र प्रदेश सरकार से कोर्ट ने यह भी पूछा कि एग्जाम के दौरान पर्यवेक्षक शिक्षक, सहायक कर्मचारी भी परीक्षा कक्ष में रहेंगे। उन सभी के लिए रोशनी आने-जाने यानी वेंटिलेशन का उचित इंतजाम कैसे होगा? रोशनी का पर्याप्त आदान-प्रदान कैसे हो पाएगा? सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि सिर्फ यह कहने भर से काम नहीं चलेगा कि हम परीक्षा कराने जा रहे हैं। आपको यह भी स्पष्ट हमें बताना होगा कि यह सब कैसे आप कराएंगे? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा स्कूल स्टाफ और छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य संरक्षा कोई सुनिश्चित कैसे करेंगे?

यह भी पढ़े : जम्मू – कश्मीर : डोगरा फ्रंट ने महबूबा मुफ्ती के खिलाफ किया प्रदर्शन।

इंतजाम से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है- सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि हम आपके रवैए और इंतजाम से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। जब तक आप हमें छात्रों और स्टाफ के स्वास्थ्य रक्षण और सुरक्षा को लेकर संतुष्ट और निश्चित नहीं हो जाते हम आपको इंतहान कराने की अनुमति नहीं देने वाले हैं। आंध्र प्रदेश सरकार ने अपने जवाब में कहा कि अगर हमें अपनी योजना में कोई भी समस्या या खामी दिखती है तो हम परीक्षा को रद्द भी कर सकते हैं।

यह भी पढ़े : अजब गजब फरमान – वैक्सीन लेने से किया मना तो जाना पड़ेगा जेल -फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुर्तेते ।

Leave a Comment