देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है। बढ़ती गर्मी के बीच देश में एक बार फिर कोयले की किल्लत (Power Crisis In India) होने लगी है, जिसके चलते कई राज्यों में बिजली कटौती की समस्या शुरू हो गई है। गर्मी बढ़ने के साथ – साथ हर साल में देश में बिजली की मांग चरम पर पहुच जाती है। करीब सात राज्यों को बिजली कटौती की परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है।
7 राज्यों में बढ़ रहा हैे बिजली आपूर्ती का संकट (Power Crisis In India)
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हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गोवा व कर्नाटक जैसे राज्यों में मार्च के दुसरे हफ्ते से भीषण गर्मी पड़ रही है। गर्मी बढ़ने के कारण अचानक इन राज्यों में बिजली की खपत बढ़ गई। इन सभी सातों राज्यों में बिजली की आपूर्ति को पूरी करने के लिए कार्यक्रम को नए सिरे से निर्धारित करना पड़ रहा है, ताकि इन राज्यों में उद्योगों और कृषि क्षेत्र में बिजली की कटौती (Power Crisis In India) से दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।
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खबरों के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में देश के कुछ राज्यों को बिजली संकट (Power Crisis In India) का सामना करना पड़ सकता है। पिछले 38 सालों के बाद देश में अप्रैल के महीने में बिजली की इतनी बड़ी मांग हुई है। रशिया – यूक्रेन युद्ध के चलते आयातित कोयले की आपूर्ति पर भी बुरा असर हो रहा है। कोयले की आपूर्ति न होने के कारण देश के कई बिजली घरों में कोयले के स्टॉक कम हो रहे हैं।
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कोयला संयंत्रों को 26 दिन का स्टॉक रखना जरूरी
पूर्ण क्षमता से चलाने के लिए आम तौर पर कोयला संयंत्रों को 26 दिन का स्टॉक रखना जरूरी होता है। देश के कुछ राज्यों में कोयले की प्रचुरता है लेकिन अन्य राज्यों में इस की किल्लत (Power Crisis In India) हो रही है। तेजी से गर्मी बढ़ने के कारण पीक आवर में बिजली की मांग लगभग 1,88,576 मेगावाट तक पहुंच गई है। बिजली की इतनी बड़ी मांग में करीब 3002 मेगा वाट की कमी बताई जा रही है।
पंजाब और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा किल्लत
कई राज्य ऐसे हैं जहां बिजली की भारी कमी (Power Crisis In India) हुई है और उन्हें कटौती जैसे रास्ते अपनाने को मजबूर होना पड़ा रहा है। राज्यों में बिजली की कटौती के कारण केंद्र सरकार से राज्य अतिरिक्त बिजली की मांग रख रहे हैं। पंजाब व मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बिजली की किल्लत है और इन दोनों राज्यों ने केंद्र सरकार से अधिक बिजली की मांग रखी है। हरियाणा के ताप बिजली घरों में पहली बार 10 सालों में कोयले के आयात पर फैसला लेने पर विचार हो रहा है।
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