महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह के अध्यक्ष और देश के बड़े उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को अपना प्रेरणा स्रोत बताया। आनंद महिंद्रा ने अपने ट्विटर पर लिखा मेरा #mondaymotivation इस आदमी को याद करने के माध्यम से है जिसे ना केवल कमाका गया बल्कि उसकी सराहना भी की गई।
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1999 के बजट का बहुत लोगों ने किया था स्वागत
आमतौर पर श्री मनमोहन सिंह को 91 सुधारकों का श्रेय दिया जाता है जिन्होंने भारत को बदल दिया। लेकिन वास्तव में दबाव और साहस के लिए वे सुधार श्री पी वी नरसिम्हा राव से आए थे। जब भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को खोलने का फैसला किया तब तक 30 साल हो चुके थे। 1991 के बजट का बहुत से लोगों ने अभिनंदन भी किया। एक आधुनिक भारत की नीव रखी। इस बजट ने आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ने के लिए एक रास्ता दिखाया था।
नरसिम्हा राव के सरकार में मनमोहन सिंह वित् मंत्री थे
पीवी नरसिम्हा राव जब प्रधानमंत्री थे तो उनकी कैबिनेट में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वित्त मंत्री हुआ करते थे। 1991 के बजट में भारत के कई तरीके में बदल दिया था। इसी बजट की वजह से आर्थिक सुधारों और उदारीकरण की शुरुआत हुई थी। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यह कहा था कि यह एक कठिन विकल्प और साहसिक निर्णय है और यह संभव सिर्फ इसलिए हो सका है क्योंकि प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने मुझे इन सभी चीजों को संभालने की पूरी आजादी दे रखी थी। उन्होंने उस वक्त भारत की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से समझ लिया था।
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मनमोहन सिंह ने आगे यह भी कहा था कि पीवी नरसिम्हा राव कई मायनों में उनके लिए एक मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक के तौर पर थे। मनमोहन सिंह के अनुसार 1991 में लिया गया निर्णय वास्तव में कठिन निर्णय था। यह निर्णय तत्काल लेना पड़ा था क्योंकि भारत विदेशी मुद्रा का भंडार लगभग 2 सप्ताह तक कम था। देश दलदल के किनारे पर उस वक्त खड़ा था।