लंबे वक्त से चल रहे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद अब धीरे-धीरे शांत होता दिख रहा है। पार्टी नेताओं ने बड़ा बदलाव करते हुए अब पंजाब की कमान नवजोत सिंह सिद्धू के हाथों में सौंपने का फैसला किया है।
सिद्धू बनाये जायेगे पंजाब के अध्यक्ष
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वहीं दूसरी तरफ अनुसूचित जाति और एक सवर्ण हिंदू को कार्यकारी अध्यक्ष का पद देकर मायावती के साथ अकाली दल के गठबंधन की हवा निकालने की भी तैयारी कर दी। खबरों के मुताबिक सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह इस नए फार्मूले पर राजी हो गए। वहीं दूसरी तरफ वर्तमान अध्यक्ष सुनील जाखड़ को भी एक बड़ी जिम्मेदारी देने की खबर आ रही है।
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प्रशांत किशोर और सोनिया गाँधी के मुलाकात ने निकला सुलह का फार्मूला
पार्टी सूत्रों के अनुसार मिली खबर के मुताबिक सोनिया गांधी और प्रशांत किशोर की एक मुलाकात के बाद सुलह का फार्मूला तैयार किया गया। पार्टी आलाकमान को प्रशांत किशोर की तरफ से जमीनी हकीकत की जानकारी देते हुए कहा गया कि विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए इन दोनो नेताओं की जरूरत पार्टी को पड़ेगी। इसके लिए इन दोनों नेताओं के बीच संतुलन बनाकर पार्टी को लाभ उठाना और इन नेताओं के अनुभव का उपयोग करना पार्टी के लिए लाभदायक हो सकता है।
प्रशांत किशोर ने अमरिंदर सिंह तक पहुंचाया सुलह का फॉर्मूला
प्रशांत किशोर यानी पीके कि इस बात के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का कमान देने का फैसला किया गया है। सोनिया गांधी के इस फैसले की जानकारी प्रशांत किशोर के माध्यम से कैप्टन अमरिंदर सिंह तक पहुंचाई गई। बताया जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भी इस फैसले को लेकर सहमत हैं। इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले के विरोध में थे। लेकिन अब खबर है कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले को लेकर सहमति जताई है।