स्वतंत्रता दिवस (15 AUGUAT) के जश्न को इस बार ISRO दोगुना करने की तैयारी में जुटा हुआ है। ISRO स्वतंत्रता दिवस से 3 दिन पहले आसमान में एक छलांग लगाने वाला है। 12 अगस्त को ISRO अंतरिक्ष में भारत का निगहबान तैनात करने की तैयारी में है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी-एफ 10 के जरिए धरती पर निगरानी रखने वाले उपग्रह ईओएस-03 का प्रक्षेपण अगले सप्ताह किया जाएगा। भारत को इस प्रक्षेपण से काफी फायदा होने वाला है।
12 अगस्त को ISRO रचेगा इतिहास
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 12 अगस्त को सुबह 5:46 पर ISRO इस प्रक्षेपण को करेगा। हालांकि यह मौसम पर भी निर्भर रहेगा। ईओएस-03 अति उन्नत उपग्रह है जिसमें जीजीएसएलवी-एफ 10 यान की मदद से धरती की कक्षा में भेजा जाएगा। अगर यह परीक्षण सफल होता है तो भारत की आसमानी ताकत में इजाफा हो जाएगा और मौसम संबंधित सभी गतिविधियों को समझने में और आसानी होने लगेगी।
खबरों के मुताबिक GSLV उड़ान उपग्रह को 4 मीटर व्यास-ओगिव आकार के पेलोड फेयरिंग में ले जाया जाएगा जिसे राकेट पर पहली बार उड़ाया जा रहा है। अब तक अंतरिक्ष में उपग्रह और साझेदार मिशनों की तैनाती करने वाली उड़ानें संचालित हो चुकी है। ऐसा माना जा रहा है कि उपग्रह 1 दिन में पूरे देश की चार पांच बार तस्वीरें लेगा और मौसम तथा पर्यावरण परिवर्तन से संबंधित जरूरी डेटा को ISRO को भेजेगा।उपग्रह सिर्फ भेजने के लिए नहीं बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप में बाढ़ और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं की भी लगभग real-time निगरानी रखने में सक्षम है, क्योंकि यह प्रमुख पर्यावरण और मौसम परिवर्तन उसे गुजरता रहेगा।
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फरवरी में इसरो ने ब्राजील का उपग्रह भेजा था।
इससे पहले ISRO ने साल के शुरुआती महीने में यानी 28 फरवरी को पहला मिशन सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। 28 फरवरी को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से भारत में पहली बार ब्राजील का उपग्रह अंतरिक्ष रवाना हुआ था। आपको बता दें ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों को लेकर भारत की PSLV C 51 ने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी। इस अंतरिक्ष यान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी लगाई गई है।
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