दोस्तों आप जानते ही होंगे, नेटफ्लिक्स (NetFlix) दुनिया की सबसे मशहूर OTT कंपनी है. जो आज दुनिया के 190 से ज्यादा देशों में ऑपरेट कर रही है। लेकिन क्या आपको पता है. जिस नेटफ्लिक्स (NetFlix) को आज हम एक ओटीटी जॉइंट के रूप में देखते हैं. वो कंपनी एक समय मार्केट में सरवाइव करने के लिए संघर्ष कर रही थी। दरअसल दोस्तों 2007 एक ऐसा साल था, जब नेटफ्लिक्स(NetFlix) के लिए अपनी प्रतियोगियों के सामने टिक पाना बेहद मुश्किल था। तब नेटफ्लिक्स पूरी तरह से बंद होने के कगार पर पहुंच गई थी, आपको जान कर काफ़ी हैरानी होंगी कि साल 2021 में नेटफ्लिक्स(NetFlix) एक बार फिर वैसा संकट आ गया है। अब नेटफ्लिक्स पर आने वाला संकट आखिर ये क्या है, और क्या 2007 की तरह नेटफ्लिक्स एक बार फिर से अपने इस कठिन परिस्थिति से निकलने में कामयाब हो पाएगा या नहीं , इन्हीं सवालों के जवाब हम आज इस ख़बर में जाननें वाले है।
दोस्तों यह कहानी साल 1997 में शुरू होती है. क्योंकि उसी साल अमेरिका के अंदर नेटफ्लिक्स(NetFlix) को स्थापित किया गया था। ये वो समय था जब लोग मनोरंजन के लिए इंटरनेट या ओटीटी जैसी चीजें नहीं बल्कि डीवीस का इस्तेमाल किया करते थे।
तब अमेरिका में ब्लॉकबस्टर (Blockbuster) नाम की एक मूवी रेंटल सर्विस का बोल बाला हुआ करता था। जो लोग नहीं जानते उन्हें हम बता दें की , यह कंपनी लोगों को डीवीडी डिक्स किराए पर देने का काम करती थी। तब यह एक इतनी बड़ी कंपनी हुआ करती थी, कि सिर्फ अमेरिका में ही इसके 6000 से ज्यादा स्टोर्स थे साथ ही 3.91 बिलियन डॉलर रिव्युन्यूज़ के चलते इस कंपनी को अमेरिका की गिनी चुनी कंपनियों में शुमार किया जाता था। उस इस कंपनी का रिव्युन्यूज़ के साल दर साल काफ़ी तेजी से बढ़ रहा था, और इसमें मज़ेदार बात ये थी की , इसका 16 % हिस्सा उस लेट फी से आता था, जो ब्लॉक बस्टर द्वारा उसके कस्टमर्स पर डीवीडी को देरी से लौटाने पर लगाया जाता था। और इस चार्ज की वजह ब्लॉकबस्टर के काफी कस्टमर नाराज भी रहते थे, यहां तक कि कंपनी द्वारा एक कस्टमर से लेट फीस के नाम पर जब 40 डॉलर का फाइन लगाया गया तो वह कस्टमर इतना गुस्सा हो गया कि उसने ब्लॉक बस्टर को सबक सिखाने के लिए अपनी खुद की मूवी लेंटर कंपनी खोल डाली। दरअसल यह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि नेटफ्लिक्स (NetFlix) के फाउंडर रीड हास्टिंग्स ही थे, नेटफ्लिक्स (NetFlix) शुरू करने का विचार ब्लॉकबस्टर के लेट फीस से परेशान होने से आया।
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NetFlix : नेटफ्लिक्स ने अमेरिका की जानी -मानी कंपनी ब्लॉकबस्टर कों कैसे दिया झटका ?
तो इस तरह दोस्तों 1997 में नेटफ्लिक्स (NetFlix) की शुरुआत हुई जो उस समय एक सब्सक्रिप्शन बेस डीवीडी इन मेल्स सर्विस कंपनी के रूप में शुरू की गई थी। यानी उस समय लोगों को अगर कोई मूवी देखनी होती थी, तो लोग ऑनलाइन जाकर अपनी पसंदीदा फिल्मों की एक लिस्ट तैयार कर कर नेटफ्लिक्स को भेज दिया करते थे। जिसके बाद नेटफ्लिक्स के द्वारा उन सभी फिल्मों की डीवीडी उन लोगों को उन लोगों के घर तक 3 दिन में पहुंचा दी जाती थी। बाद में नेटफ्लिक्स कि ये सर्विसेस सब्सक्रिप्शन वेस्ट हुआ करती थी. लेकिन कुछ समय बाद ही नेटफ्लिक्स ने भी ब्लॉकबस्टर की तरह अपनी खुद की किराये पर डीवीडी देना शुरू क्र दिया दी अब दोस्तों नेटफ्लिक्स के इस सर्विस का सबसे खास बात यह था। कि इसमें लेट फीस जैसा कोई चार्ज नहीं रखा गया था, जहा तक कि उस समय नेटफ्लिक्स की टैग लाइन नो लेट फीस हुआ करती थी। और जैसा कि हमने बताया की ब्लॉकबस्टर के लाखों कस्टमर ऐसे थे, जो लेट फीस से काफी ज्यादा परेशान थे। ऐसे में जब उन लोगों को नेटफ्लिक्स के नो लेट फीस के बारे में पता चला तो वो लाखों कस्टमर ब्लॉक बस्टर से नेटफ्लिक्स पर शिफ्ट हो गये।
इस तरह काफ़ी कंपटीशन होने के बावजूद भी नेटफ्लिक्स का वह बिजनेस चल निकला और साल 2004 आते आते रीड हास्टिंग्स रिव्युन्यूज़ 500 मिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंच गया लेकिन 2004 में कुछ ऐसा हुआ जिसने नेटफ्लिक्स की समस्याओं को बढ़ाना शुरू कर दिया। दरअसल अब ब्लॉकबस्टर भी इस बात को समझ चुका था कि डीवीडी ईमेल सर्विस एक बहुत ही बड़ी मार्केट है। इसलिए 2004 में ब्लॉकबस्टर नें नेटफ्लिक्स की तरह अपनी खुद की डीवीडी ईमेल सर्विस शुरू कर दी जिसका सीधा असर नेटफ्लिक्स के बिजनेस पर पड़ने लगा। असल में दोस्तों ब्लॉकबस्टर द्वारा यह सर्विस शुरू करते ही. लोगों के बीच ब्लॉकबस्टर एक बार फिर से पॉपुलर हो गई और 1 ही साल में 2.1 मिलीयन सब्सक्राइबर्स जोड़कर इसने नेटफ्लिक्स के प्रॉफिट्स कों खाना शुरू कर दिया। इस तरह ब्लॉकबस्टर के इस सर्विस शुरू होने से नेटफ्लिक्स की रिव्युन्यूस की साल दर साल घटती चली गई।
नेटफ्लिक्स के चलते ब्लॉकबस्टर को हुआ 400 मिलियन डॉलर का नुकसान ।
हालांकि समय सबसे ज्यादा हैरानी की यह बात थी, की ब्लॉकबस्टर के उन डीवीडी ईमेल सर्विस शुरू होने से नेटफ्लिक्स का बिजनेस खराब हो ही रहा था, साथ ही ब्लॉकबस्टर की अपनी खुद की हालत नेटफ्लिक्स से भी ज्यादा खराब हो गई असल में दोस्तों ऐसा होने के पीछे एक नहीं बल्कि 2 कारण थे। इसमें पहला कारण यह था ,कि नेटफ्लिक्स से मुकाबला करने के लिए ब्लॉकबस्टर ने अपने सभी सब्सक्राइबर से लेट फीस लेना बंद कर दिया था। चुकीं ब्लॉकबस्टर का एक बहुत बड़ा हिस्सा इस लेट फीस से ही आता था , इसलिए इसे बंद करने पर ब्लॉकबस्टर को करीब 200 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। साथ ही ब्लॉकबस्टर नें डीवीडी ईमेल सर्विस को शुरू करने में 200 मिलियन डॉलर की बड़ी रकम खर्च की हुई थी। जिसके चलते ब्लॉकबस्टर का कुल रिव्युन्यूस लगभग 400 मिलियन डॉलर निचे चला गया।
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वॉलमार्ट नें कैसे डाला नेटफ्लिक्स -ब्लॉकबस्टर के बिजनेस पर असर?
इसके अलावा दोस्तों उस समय मार्केट में एक और छिपा हुआ प्रतिबंधी मौजूद था,जोकि न सिर्फ ब्लॉकबस्टर कों बल्कि साथ ही नेटफ्लिक्स को बराबर नुकसान पहुंचा रहा था। और ये विपक्षी कोई और नहीं बल्कि अमेरिका की मशहूर मल्टीनेशनल कंपनी वॉलमार्ट (walmart) थी । दरअसल वॉलमार्ट ने अपने स्टोर्र में डीवीडी ग्राहकों को इतनी कम कीमत पर देना शुरू कर दिया। जिस क़ीमत से निचे जाने के बारे में ब्लॉकबस्टर या नेटफ्लिक्स दोनों में से कोई सोच भी नहीं सकता था। असल में दोस्तों वॉलमार्ट कल लक्ष्य डीवीडी से पैसा कमाना नहीं बल्कि इसके जरिए कस्टमर्स कों अपने स्टोर में लाना था, ताकि कस्टमर डीवीडी लेने की लालच मे वॉलमार्ट जाये और वहा दूसरी लुभावनी चीजों कों देख कर उन्हें भी ख़रीदे।
यानी वॉलमार्ट अपना शिकार मछली के चारे की तरह कर रहा था, जिससे वॉलमार्ट कों अपने बिजनेस में काफी फायदा हो गया। लेकिन उसके ऐसा करने पर ब्लॉकबस्टर और नेटफ्लिक्स की हालत खराब हो रही थी, और दोनों ही कम्पनियों की हालत ऐसी हों गई जिससे उन्हें बाजार में ठीके रहना मुश्किल हो रहा था । क्योंकि पहले ही दोस्तों ब्लॉकबस्टर अपने 400 मिलियन डॉलर कर्ज में डूबी हुई थी, ऐसे में वह अपने इस हालत से निकलने के लिए कोई खास कदम नहीं उठा पाई। जिसके चल तें ब्लॉकबस्टर का कर्ज बढ़ता ही चला गया और आखिर कार ब्लॉकबस्टर बैंक करप्ट हो गई। वही दूसरी तरफ नेटफ्लिक्स अपनी कंडीशन और बदल रही टेक्नोलॉजी को काफी बेहतर तरीके से समझा और तेजी से सही कदम उठा तें हुये अपने डीवीडी ईमेल सर्विस को ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सर्विस में बदल दिया और इस तरह से दोस्तों उस नेटफ्लिक्स का जन्म हुआ, जिसे आज दुनिया के सबसे बड़े और मोस्ट ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए जानते है। दोस्तों इस बात में कोई शक नहीं की ओटीटी फॉम के जरिए जान तें है, दोस्तों इस बात में कोई शक नहीं कि ओटीटी प्लेटफार्म की जरीये नेटफ्लिक्स का अभी तक का सफर बहुत अच्छा रहा है।
क्योंकि एक समय बंद होने के कगार पर पहुंची यह कंपनी सिर्फ 10 सालों में दुनिया की सबसे कामयाब कंपनियों में से एक बन गई और दोस्तों यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है।
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