Nipah Virus का खतरा
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Nipah Virus : देश में अभी कोरोना वायरस का संक्रमण फिर से तेजी से फैलने लगा है। कोरोना के मामलों में सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति केरल में बनी हुई है। केरल में लगातार कोरोना के नए मामलों में तेजी देखी जा रही है। कोरोना के तेजी से बढ़ते मामले को देखते हुए केरल सरकार ने पूरे राज्य में नाइट कर्फ्यू तथा रविवार के दिन पूर्ण lock-down रखने का फैसला किया है।
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Nipah Virus के चलते 12 साल के बच्चे की हुई मौत
केरल में जितने तेजी से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं वह चिंताजनक बने हुए। कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच केरल में एक और नए वायरस का खतरा भी तेजी से मंडराने लगा है। इस वायरस का नाम Nipah Virus दिया गया है। खबरों के मुताबिक केरल के कोझिकोड में Nipah Virus की वजह से 12 साल के बच्चे की मौत हुई।
केरल में अक्सर मिलते रहते है Nipah Virus के मामले
Nipah Virus से 12 साल के बच्चे की मौत की पुष्टि पुणे नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी ने की है। खबरों के मुताबिक बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब हो गई तो उसे अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की गई। अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हो पाया और आखिरकार उसकी मौत की वजह से हो गई। Nipah Virus पहली बार नहीं पाया गया है। केरल में Nipah Virus के मामले अक्सर मिलते रहते हैं।
75 फीसदी लोगो की हो जाती है मौत
विशेषज्ञों के मुताबिक Nipah Virus इतना खतरनाक है कि इस वायरस से संक्रमण होने वाले लोगों में से 40 से 75 फ़ीसदी लोगों की मौत हो जाती है। Nipah Virus का अब तक कोई भी इलाज नहीं खोजा गया है जो सबसे बड़ी चिंता की बात है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने Nipah Virus को दुनिया के 10 सबसे खतरनाक वायरस की सूची में भी शामिल कर रखा है।
Nipah Virus क्यों है खतरनाक ?
निपाह वायरस के खतरनाक होने की बात करें तो इसके कई सारे कारण भी बताए जाते हैं। सबसे पहला कारण इसका यह है कि Nipah Virus का इनक्यूबेशन पीरियड यानी संक्रमण समय बहुत लंबा है। इसमें कभी-कभी 45 दिन लग जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति में इस निपाह वायरस का संक्रमण हो जाता है उसके बारे में उस व्यक्ति को पता ही नहीं होता और ऐसे में धीरे-धीरे अन्य लोगों में भी संक्रमण फैलता चला जाता है।
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Nipah Virus कैसे फैलता है?
विशेषज्ञ बताते हैं कि यह वायरस फ्रुट बैट्स या चमगादड़ों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति चमगादड़ के संपर्क में आए तो उसको निपाह वायरस का संक्रमण होने का खतरा ज्यादा बन जाता है।
इसके अलावा दूषित भोजन करने के वजह से भी इंसानों में प्रवेश करता है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई चमगादड़ किसी फल को खाता है तो उसकी लार से फल दूषित हो जाता है और ऐसे में उस फल का सेवन कोई व्यक्ति करें तो उसके अंदर इस Nipah Virus का संक्रमण पहुंचने का खतरा बन जाता है। लार के अलावा चमगादड़ के मूत्र और संभावित रूप से चमगादड़ के मल और जन्म के समय तरल पदार्थों में भी पाया जाता है।
Nipah Virus के लक्षण
Nipah Virus से संक्रमित लोगों में लक्षण की बात करें तो उनके अंदर –
1. तेज बुखार
2. खांसी
3. थकान
4. सांस लेने में तकलीफ
5. सिर दर्द
6. मांसपेशियों में दर्द जैसे प्रभावी लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
7. विशेषज्ञों के मुताबिक इस निपाह वायरस से संक्रमित मरीज के दिमाग में सूजन होने लगती है और इसकी वजह से मरीजों की मौत होने का खतरा बढ़ जाता है।
निपाह वायरस से बचाव के उपाय
निपाह वायरस का अब तक कोई भी प्रभावी इलाज नहीं खोजा गया है।
1. ऐसे में खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धोना जरूरी है।
2. दूषित फलों को खाने से बचें।
3. संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें।
4. निपाह वायरस की वजह से जिसकी मौत हुई है उस मरीज के शव से भी दूर रहने की जरूरत है।
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