नीट परीक्षा में शामिल होने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र EWS सर्टिफिकेट लगा रहे हैं। आपको बता दें मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए एक निर्धारित तय सिमा के अंतर्गत EWS सर्टिफिकेट देती है। एक तरह से यह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण का काम करता है।
EWS सर्टिफिकेट पर केंद्र सरकार से SC ने पूछा सवाल
विषय सूची
आपको बता दें 12 सितंबर को पूरे देश भर में नीट की परीक्षा आयोजित की गई थी जिसमें बहुत से छात्र ऐसे हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानी EWS का सर्टिफिकेट लगाएंगे। इस सर्टिफिकेट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कुछ तीखे सवाल पूछे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल करते हुए कहा की आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) तय करने के लिए आपने ₹800000 वार्षिक आय की सीमा लागू कर रखी है।
EWS सर्टिफिकेट के लिए आयसीमा का आधार क्या है ?
अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय तथा कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को मामले में पक्ष बनाने की अनुमति देते हुए इसके बारे में एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि EWS श्रेणी तय करने के लिए वार्षिक आय सीमा ₹800000 निर्धारित करने का आप का आधार क्या था?
EWS सर्टिफिकेट के लिए किस आधार पर 8 लाख वार्षिक आय हुई है तय ?
ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए ₹800000 से कम वार्षिक आय सीमा तय करना राष्ट्रीय जीवन निर्वाह व्यय सूचकांक पर आधारित नीतिगत का विषय है। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़,न्यायमूर्ति विक्रमनाथ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने केंद्र सरकार से इस बात को स्पष्ट करने को कहा कि आपके पास आय सीमा को तय करने का आधार और मानदंड क्या है। क्या इस पर विचार विमर्श किया गया है या ओबीसी श्रेणी में क्रीमी लेयर को तय करने की सीमा से ₹800000 का आंकड़ा रख लिया गया है?
10% आरक्षण छात्रों को मिलता है
आपको बता दें 29 जुलाई की नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर SC आज सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (NEET) में ओबीसी के लिए 27% और EWS के लिए 10% आरक्षण करने की बात कही गई थी। अदालत सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछ डाले। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सीधा सवाल पूछा कि जिन छात्रों को EWS की श्रेणी में रखा जाता है उनकी वार्षिक आय आठ लाख से कम मापने का आधार क्या है? यानी सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार से जानने की कोशिश कर रही थी कि 800000 वार्षिक आय सीमा तय करने के लिए आप किस आधार का इस्तेमाल कर रहे हैं।
EWS बहुत से छात्रों के लिए साबित हो रहा वरदान
केंद्र सरकार क्या जवाब देती है वह आने वाला वक्त बताएगा लेकिन इसकी वजह से छात्रों का जीवन सुधर जाता है। बहुत से छात्र सामान्य जाति से आते हैं लेकिन वह कमजोर वर्ग में पाए जाते हैं। लेकिन सामान्य जाति होने की वजह से पढ़ने में अच्छे होने के बावजूद भी अच्छी जगह पढ़ाई नहीं कर पाते। ऐसे छात्रों के लिए EWS वरदान साबित हो रहा है।
1 thought on “EWS पर लटकी सुप्रीम कोर्ट की तलवार ? केंद्र सरकार से SC ने पूछा 8 लाख से कम आय तय करने का आधार क्या है ? जाने नीट परीक्षा में क्या होगा इसका असर?”