दुनिया में एक समय ऐसा था जब मलेरिया ने तबाही मचा रखी थी। मलेरिया से प्रभावित देशों की बात करें तो उसमें चीन भी शामिल है। दुनिया में अब पहला मलेरिया का टीका RTS,S/AS01 (Malaria Vaccine) विकसित कर लिया गया है जिसको विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंजूरी दे दी है।
अफ्रीकी देश मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित है इसलिए यहां से इस टीके की शुरुआत होगी। इसके बाद WHO का फोकस दुनिया में मलेरिया वैक्सीन बनाने के लिए फंडिंग के इंतजाम करने पर होगा ताकि सभी जरूरतमंद देशों तक यह टीका (Malaria Vaccine) समय से पहले पहुंचा दी जाए। इसके बाद संबंधित देशों की सरकारें तय करेंगे कि वे मलेरिया को कंट्रोल करने के उपायों में इस वैक्सीन को शामिल करेंगे या नहीं करेंगे?
Malaria Vaccine ने एक बड़ी उम्मीद को दिया जन्म – WHO
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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों के लिए वैक्सीन (Malaria Vaccine) बड़ी उम्मीद है। आपको बता दें मलेरिया का सबसे ज्यादा खतरा 5 साल तक के बच्चों को रहता है। दुनिया में हर 2 मिनट में एक बच्चे की मौत मलेरिया से होती है। अगर 2019 के आंकड़ों की बात करें तो दुनिया भर में मलेरिया से करीब 4.09 लाख लोगों की जान गई थी जिसमें से 67% बच्चे शामिल थे जिनकी उम्र 5 साल से कम थे।
भारत में सबसे ज्यादा मौत मलेरिया से 2019 में हुई थी
भारत में 2019 के दौरान मलेरिया के 3,38,494 केस आए थे जिसमें से 77 लोगों की मौत हो गई थी। 5 सालों की अगर आंकड़ों की बात करें तो भारत में मलेरिया से सबसे ज्यादा 384 मौत 2015 में हुई थी उसके बाद मौत का आंकड़ा लगातार कम होता गया है।
2019 में इस Malaria Vaccine का इस्तेमाल एक पायलट प्रोग्राम के तौर पर हुआ था
मलेरिया की वैक्सीन (Malaria Vaccine) का इस्तेमाल 2019 में घाना, केन्या और मालावी में पायलट प्रोग्राम के तौर पर शुरू किया गया था जिसके तहत 23 लाख बच्चों को वैक्सीन लगाई गई थी। नतीजों का अध्ययन करने के आधार पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलेरिया वैक्सीन को मंजूरी दे दी है।
GSK ने इस Malaria Vaccine को बनाई है
इस वैक्सीन (Malaria Vaccine) को पहली बार 1987 में GSK कंपनी ने बनाया था। पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों के अध्ययन के मुताबिक मलेरिया की वैक्सीन बेहद सुरक्षित है और 30% गंभीर मामले इससे रोके जा सकते हैं। जिन बच्चों को यह वैक्सीन (Malaria Vaccine) लगाई गई उनमें से दो तिहाई ऐसे थे जिनके पास मछरदानी नहीं था। इस अध्ययन में एक और बात सामने आई कि मलेरिया की वैक्सीन दूसरे अन्य की वैक्सीन या मलेरिया रोकने के दूसरे उपायों पर कोई नेगेटिव असर नहीं करता है।
प्लाज्मोडियम फैल्सिपेरम को भी Malaria Vaccine देगा मात
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उप सहारा अफ्रीकी देशों के बच्चों को 2 साल की उम्र तक मलेरिया वैक्सीन (Malaria Vaccine) के 4 डोज देने की गुजारिश की है। यह वैक्सीन इतनी कारगर है कि प्लाज्मोडियम फैल्सिपेरम को भी बेअसर कर देती है। प्लाज्मोडियम फैल्सिपेरम मलेरिया फैलाने वाले पांच पैरासाइट्स में से एक है और सबसे ज्यादा खतरनाक होता है।
Malaria Vaccine के जरिये रोके जा सकते है गंभीर मामले – WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मलेरिया के हर 10 में से 4 मामले इस वैक्सीन के जरिए रोके जा सकते हैं जबकि गंभीर मामलों की बात करें तो 10 में से 3 लोगों की जान इस वैक्सीन की मदद से बचाई जा सकती है। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में 4.09 लाख मौत मलेरिया की वजह से होती है जिसमें अफ्रीकी देशों के बच्चे ज्यादा होते हैं। दुनिया भर में मलेरिया से जितनी मौत होती है उनमें से आधी मौत है उप सहारा अफ्रीकी देशों में होती है और इनमें से एक चौथाई मामला नाइजीरिया का पाया जाता है।
मलेरिया के कुछ लक्षण जैसे-
1. ठंड लगना
2. तेज बुखार
3. सिर दर्द
4. गले में खराश
5. पसीना आना
6. थकान
7. बेचैनी
8. उल्टी आना
9. एनिमिया
10. आंखों में दर्द और
11. खूनी दस्त।
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